For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Saurabh Pandey's Discussions (17,376)

Discussions Replied To (10583) Replies Latest Activity

प्रधान संपादक

"तरही मुशायरे के सभी शायरों की समस्त रचनाओं का एक स्थान पर संकलित होना महत्त्वपूर्ण द…"

Saurabh Pandey replied Oct 30, 2011 to "ओबीओ लाईव तरही मुशायरा" अंक १६ में सम्मिलित सभी रचनाएँ

17 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मैंने भी वही कहा कि हास्य या व्यंग्य लिखना सहज नहीं है.. मैं तो बुरी तरह से हाशिये प…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"कोशिश रंग लायेगी एक दिन... अच्छी गिरह बांधी है.. इस शेर पर दाद कुबूल कीजिये - जान जा…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"जय हो .. जय हो.. जय हो..."

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"आदाब है सतीश भाईजी.. :-))) देर से आने के लिये मुआफ़ी .. मग़र नेट के ऑन रहने के बावज़ूद…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"मतले पर हे झूम गया इमरानभाई. बहुत खूब.. कोई मज़हब नहीं कहता है के मारो काटो, चाहे दु…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"बिज़लियाँ फकत आसमान से गिरती नहीं. किसी नाजनीन को चिलमन उठा कर देखो. इन्द्र-धनुष भी…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"अविनाश जी, आपके निम्नलिखित अशार बहुत रुचे हैं.. कशिश क्या होती है पल में जान पाओगे.…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो. चाँद पाना है तो तारों को सजा कर देखो.. चाँद प…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

"ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटा कर देखो. इश्क क्या शै है सीने से लगाकर देखो. अच्छा ह…"

Saurabh Pandey replied Oct 29, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १६ (Now closed with 740 Replies )

740 Oct 30, 2011
Reply by योगराज प्रभाकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
11 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन भाईजी,  प्रस्तुति के लिए हार्दि बधाई । लेकिन मात्रा और शिल्पगत त्रुटियाँ प्रवाह…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी, समय देने के बाद भी एक त्रुटि हो ही गई।  सच तो ये है कि मेरी नजर इस पर पड़ी…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. वैसे आपका गीत भावों से समृद्ध है.…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service