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Khan Hasnain Aaqib's Discussions (9)

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"बहोत खूब गझल कही रचना जी.. मुबारकबाद स्विकार करें"

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"रचना जी, आप का भी शुक्रिया के आप ने पसंद फरमाया.."

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"जी जनाब, बहोत शुक्रिया, taqabul के ऐब से मैं भी परहेज करता हूं लेकिन ये गझल फिल बदीह…"

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"बहोत शुक्रिया जनाब ए आली "

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"बेह्तरीन गझल, मतला से मक्ता तक, हर शेर मानवियेत से भरपूर सातवे शेर में अगर काफिया शर…"

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"खूब है जनाब "

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"बहोत उम्दा गझल कही है आपने, मतला तो ख़ास तौर पर दाद के क़ाबिल.. बहोत मुबारक बाद "

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"गझल  वक़्त बदले तो हर एक ज़ेर ज़बर  बनता है आम को चूस के खाना भी ख़बर बनता है। मु…"

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
Reply by Samar kabeer

"गझल  वक़्त बदले तो हर एक ज़ेर ज़बर बनता है आम को चूस के खाना भी ख़बर बनता है। मुद…"

Khan Hasnain Aaqib replied Mar 27, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-117

171 Mar 28, 2020
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Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
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"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

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