For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70 (विषय: विरोध के स्वर)

आदरणीय साथियो,
सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70
विषय: "विरोध के स्वर"
अवधि : 29-01-2021 से 30-01-2021
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फ़ॉन्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है।
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाए रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पाएँ इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद ग़ायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आसपास ही मँडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया क़तई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ-साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा ग़लत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिसपर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फ़ोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
.
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 2468

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

राम जी लाल रिटायर हो चुके थे| फंड का पैसा कल ही खाते में आया था| नौकरी करते बड़ी मुश्किल से गुजर हुई थी| बेटे -बेटियों की शिक्षा और शादी ब्याह फंड से ही लोन लेकर कर सके थे| सो, शेष पैसा बहुत बड़ी रकम भी नहीं थी| यही कारण था कि राम जी लाल प्राप्त फंड को किसी पैंशन फंड में लगाकर थोड़ी सी सही किन्तु निश्चित रकम हर महीने पाकर थोड़ा सुकून अन्तिम समय जीवन, थोड़ी स्थिरता महसूस करना चाहते थे| लेकिन धर्म पत्नि किराये का मकान छोड़ एक कमरे , साथ जुड़े वाश रूम का मकान खरीदना चाहती थी| और, रोजमर्रा के खर्च के लिये इकलौते बेटे के वेतन से प्रति माह कुछ मिल जाए, इस जुगाड़ में थी | परन्तु बहू को राजी होगी , राम जी लाल को इसमें संदेह था | बेटा माँ की झूठी ही सही हाँ में हाँ भर रहा था | उनका दिल पोस्ट आफिस की पैंशन स्कीम के लिए धड़क रहा था |

मौलिक व अप्रकाशित
  • सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत और बधाई गोष्ठी का शुभारंभ करने हेतु जनाब चेतन प्रकाश जी। विषयांतर्गत अच्छा प्रयास। यह पहला ड्राफ्ट लगा कथानक का बहू व बेटे के विरोध के स्वर बेहतर उभारे जा सकते हैं विवरण कम करके। हालाँकि पुराना विषय है। सादर। इस ज्वलंत विषय पर नवीन व समसामयिक सामाजिक मुद्दों पर रचनायें भी पढ़ने को मिलेंगी, ऐसी उम्मीद व प्रतीक्षा करते हैं।

आदरणीय आप रचना में ऊपर शीर्षक देना भी भूल गये हैं। सादर सूचनार्थ।

आदाब,  sheikh Usmani sahab, विषय विरोध के स्वर है ही, शीर्षक "विभाजन" कहा जा सकता है । लघुकथा विषय-वस्तु केन्द्रित विधा है, अत: व्याख्या सर्वथा निषेध होती है, बंधु ! आप  लघुकथा तक पहुँचे, इस हेतु एतद्वारा आभार  व्यक्त करता हूँ। सलामत  रहें !

लघुकथा गोष्ठी की शुरुआत के लिए बधाई आ. चेतन प्रकाश सर जी, सादर प्रणाम।  मुझे आपकी लघुकथा में इस बार के विषय " विरोध के स्वर " की कमी दिखाई दे रही है।

    "बहू का राजी न होना, बेटे के मां की हां में हां मिलाने, दोनों में विरोध के स्वर कहां है। ये तो मनाही है???

सादर।

 नमस्कार,  भाई  कृष शर्मा !  लघुकथा वस्तुत: गद्य  में  हाइकु  कही जा सकती है! सो अन्य  विधाओं के अपेक्षाकृत  अधिक  ध्यान  की आकांक्षी है। अत: मेरा आपसे  निवेदन  रहेगा कि आप लघुकथा पुन: पढे । आपकी शिकायत का स्वयं समाधान हो जाएगा ! इति

लघुकथा सपाट हो गई है रिपोर्टिंग की तरह सीधी रेखा में चलती। निश्चय ही ये विधा विषयवस्तु केन्द्रित है पर  कथातत्व और शिल्प भी इसके अभिन्न अंग हैं आदरणीय

खेत की गोड़ाई से लौटा महिपाल घर में प्रवेश करते ही जोर से डपटते हुए बोला: रे गुड़िया! जा जाके अंदर से गुड़ और पानी लेके आ!
"पापा मैं पढ़ रही हूँ", गुड़िया बोली।
रे तो कौन से पढ़ के तने डॉ. बनना है जा भाग के पानी ले को आ! मगज पहले से गर्म है, और न कर!
जी पापा! गुड़िया अनमने मन से उठी और पानी लेने चल दी,

जबकि गोलू, गुड़िया से डेढ़ साल छोटा उसका भाई वहीं बैठा गिट्टी खेलता रहा।
आँगन में चौके पे बैठी उनकी माँ सुनीता सब देख और सुन रही
थी, बोल उट्ठी! ठहर जा! जा वापस बैठ के पढ़। तेरे बापू को पानी मैं देती हूँ।
जैसे ही पानी लेकर गुड़िया की माँ आयी, महिपाल बड़बड़ाया:
रे तू इसे चौके चूल्हे में लगा बड़ी हो रही है ये!

ताकि म्यारी तरह यो भी चूल्हे-बर्तन में ही घिस जावें!
सुनीता ने तेज आवाज में कहते हुए, पानी का गिलास वही तख्ते पे जोर से रख दिया।

महिपाल! काफी देर तक सोचता रहा, आखिर आज सुनीता को हुआ क्या??


मौलिक व अप्रकाशित

आदाब। वाह। हार्दिक स्वागत विषय को भली-भाँँति परिभाषित करती और कथ्य उभारती बेहतरीन लघुकथा का। हार्दिक बधाई आदरणीय कृष मिश्रा 'जान' गोरखपुरी साहिब। संवादों में इंवर्टिड कौमाज़ टंकण में रह गये हैं। विषयांतर्गत रचना में  मौलिक शीर्षक हो, तो बेहतर। हमें शीर्षक संबंधित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिल जाता है। सादर।

आ. शेख शाहजाद उस्मानी जी, मेरा प्रयास आपको पसंद आया जानकर अत्यंत खुशी हुई,जी शीर्षक का ध्यान मुझे भी नहीं रहा, "पापा मैं पढ़ रही हूं" शीर्षक कैसा 

रहेगा?

सादर।

जी। यह भी शीर्षक हो सकता है। लेकिन मेरे विचार से बहुआयामी प्रतीकात्मक शीर्षक 'डॉक्टर' या 'चिकित्सक' या 'वॉरिअर' भी हो सकते हैं। यहाँ यह सब 'माँ' है व 'बेटी' भी! सादर।

  • जी आ. आपने अच्छे शीर्षक सुझाएँ हैं।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service