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आदरणीय साथिओ,

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८  का आयोजन दिनांक ८ जून से  १० जून तक किया गया, जिसके संचालन का दायित्व इस बार युवा ओजस्वी कवि श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी को दिया गया था !  इस बार रचनाधर्मियों को जो विषय दिया गया था वह था - "रिश्ते" !  पिछले आयोजनों की तरह इस बार भी पूरे तीन दिन साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने इस में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ! 
इस आयोजन का शुभारम्भ डॉ संजय दानी जी की एक खूबसूरत ग़ज़ल से हुआ ! उसके बाद गीत, ग़ज़ल, अतुकांत कविता, तुकांत कविता, कुंडली, घनाक्षरी का जो सिलसिला शुरू हुआ वाह पूरे तीन दिन तक चलता रहा ! रिश्ते के हर पहलू पर रचनाकरों ने आपने फन के जौहर दिखाए ! कुछेक रचनायों में तो रिश्ते के हर बिंदु पर बात हुई !

मुझे इस बात का सब से ज्यादा संतोष है की इस बार रचनायों का स्तर पहले किसी भी उत्सव की बनिस्बत बहुत ही बेहतर रहा ! इस बार "क्वालिटी" का पलड़ा "क्वांटिटी" से कहीं भारी रहा ! १४ रचनाधर्मियों ने कुल मिल कर २३ बहुत ही उच्च स्तरीय रचनाएँ इस आयोजन में पेश की जिसका विवरण इस प्रकार है:  

१. डॉ संजय दानी जी (१-रचना) ,
२. श्री रवि कुमार गुरु जी,
(१-रचना)
३. श्री सुरिंदर रत्ती जी
(१-रचना)
४. श्री नेमीचंद पूनिया "चन्दन" जी
(१-रचना)
५. श्री देवेन्द्र गौतम जी
(१-रचना)
६. श्री हिलाल अहमद हिलाल जी
(१-रचना)
७. श्री सौरभ पाण्डेय जी 
(१-रचना)
८.
श्री बृज भूषण चौबे जी (१-रचना)
९. श्री गणेश जी बागी जी 
(१-रचना)
१०.श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी (२ रचनाएँ)

११. श्री
आलोक 'सीतापुरी' जी (२ रचनाएँ) ,
१२.योगराज प्रभाकर (२
रचनाएँ)
१२. सुश्री शालिनी कौशिक जी (२
रचनाएँ),
१३. श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी (३ रचनाएँ), 
१४. सुश्री वंदना गुप्ता जी (३
रचनाएँ  

इन रचनायों पर साहित्य-प्रेमी  केवल वाह-वाही तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि कई जगह अग्रजों ने रचनायों पर बहुमूल्य सुझाव भी पेश किए जिन्हें रचनाधर्मियों ने खिले माथे स्वीकार भी किया ! मेरा मानना है कि ऐसे  सुझावों ओर निरंतर संवाद के चलते कोई भी साहित्यक आयोजन कई मायनो में बहुत विलक्षण हो जाता है ! श्री गणेश बागी जी ने इस आयोजन में प्रस्तुत अपने घनाक्षरी कबित्त को गाकर उसकी ऑडियो फ़ाइल भी लगायी है, जोकि इस आयोजन की एक और विशेषता रही ! सब रचनाएँ और टिप्पणियाँ मिल कर कुल ३१० प्रविष्टियाँ - मेरे मतानुसार इसे काफी संतोषजनक कहा जा सकता है !         

कुल मिला कर यह महा-उत्सव भी बहुत सफल रहा ! सभी रचनायों पर लगभग हरेक शुरका ने अपनी टिप्पणी देकर लेखकों का हौसला बढाया ! विशेष तौर पर आदरणीय सौरभ पांडे जी एवं श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी ने जिस प्रकार सभी रचनायों पर अपनी राय दी उस से रचना धर्मियों का ना सिर्फ उत्साह वर्धन ही हुआ बल्कि उनका मार्गदर्शन भी हुआ होगा ! ओबीओ के कुछ वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति हालाकि अंत तक सभी को खलती रही ! बहरहाल, मैं इस आयोजन में सम्मिलित सभी रचना धर्मियों का ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ की आप सब का सहयोग एवं स्नेह हमें यथावत प्राप्त होता रहेगा ! मैं अंत में इस महा उत्सव के संचालक श्री धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी एवं ओबीओ के सर्वेसर्वा श्री गणेश बागी जी को इस सफल आयोजन पर बधाई देता हूँ ! जय ओबीओ ! सादर !


योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक)

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धन्यवाद वंदना जी !
वंदना जी "OBO लाइव महा उत्सव" कोई प्रतियोगिता नहीं है , इसलिए परिणाम की कोई बात ही नहीं है |
ओबो परिवार और सब कवी मित्रों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ, आपका मान सम्मान  है जो  मुझे बांधे  रखता है, थोडा समय आभाव के कारण मैं पूरी तरह से शामिल नहीं हो पता हूँ. आपका यह कार्यक्रम दिन दुगनी रात चुगुनी तरक्की करे और मेरी शुभकामनाएं.  - सुरिन्दर रत्ती - मुंबई
आपकी दुआयों के लिए ह्रदय से आपका आभार सुरिंदर रत्ती जी, स्नेह बनाये रखें !

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