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Ding Dong! Ding Dong!

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

See my new set of cricket

Little bat ball and wicket 

wants to play Ping Pong!

I'm a crazy boy

little but strong. 

Ding Dong! Ding Dong!

Love to read love to write  

Love to watch cartoons at night 

Wants to dance n' sing a song !

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

Timely sleep and early rise 

Keeps me fit, healthy n' wise 

Alarm rings ting tong ! 

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

 

Give me wings I wanna fly 

Yes, so high in the sky 

No, matter right or wrong !

I'm a crazy boy

little but strong .

Ding Dong! Ding Dong!

Views: 1069

Replies to This Discussion

Respected Pradeep ji, 

Please give a little more time to this poem, so that the content can become more crisp. 

Best wishes.

Prachi

आदरणीया प्राची जी, 

सादर 

मैने तो आपसे अनुरोध किया था सुधार के लिए. 

नमूने के तौर पर आप सुधार देन. 

लिखने के लिए मार्गदर्शन होगा. 

विद्यालय रचना भी देखना चाहें 

आभार 

ding dong ding dong    (a)

*

i am a crazy boy little but strong  (a)
cricket is my favourate play (b)
want to play ping pong  (a )
ding dong ding dong    (a)
*
love to read love to write  (c)
love to play with dress white (c)
want to play classical song (a)
ding dong ding dong  (a)
*
early to bed early to rise (d)
it keeps me healthy and wise (d)
alarm makes ting tong (a)
ding dong ding dong  (a)
*
ambitious  but  not so high (e)
little bird wants to fly (f)
tell me dear am i wrong (a)
ding dong ding dong (a)
*
1- Please follow the same rhyming scheme in all stanzas 
2- All the lines within a particular stanza, must be connected with each other. here they are not linked in any way, except in third stanza.

Aa. Pradeep jee, your initiative to providing this group with a meaningful rhyme is well accepted and understood. It is really heartening to see that some of us are so concerned towards the world of tiny-tots. So is the post now from you, sir. Very good !

I appreciate Dr. Prachi's suggestions to you, Aa. Pradep jee, on writing the rhymes from the bottom of my heart. Yes, it is true that rhymes are not merely collections of some words, but the collation of suitable words is must and the relationship between two separate lines in same stanza should be established and well woven.

Once again I thank you Aa. Pradeep jee for your post.

आदरणीया गुरुदेव जी 

सादर अभिवादन 

संशोधन कर लिया है. शीघ्र पोस्ट करूँगा. 

प्रोत्साहन हेतु आभार. 

respected prachi ji 

saadar 

i have made corrections , please do the need full.

thanks.  

ding dong ding dong 

i am a crazy boy little but strong

want to play ping pong 

i am a crazy boy little but strong 

ding dong ding dong

cricket is my favourate play

although play soil and clay 

want to play ping pong 

i am a crazy boy little but strong 

ding dong ding dong

love to read love to write  

love to see musical night 

want to play classical song 

i am a crazy boy little but strong 

ding dong ding dong

 

early to bed early to rise 

it keeps me healthy and wise 

alarm makes ting tong 

i am a crazy boy little but strong 

ding dong ding dong

 

ambitious  but  not so high 

like birds wants to fly 

tell me dear am i wrong 

i am a crazy boy little but strong 

ding dong ding dong

 

Respected Pradeep ji,

I tried to make some modifications in the poem...

Ding Dong! Ding Dong!

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

See my new set of cricket

Little bat ball and wicket 

wants to play Ping Pong!

I'm a crazy boy

little but strong. 

Ding Dong! Ding Dong!

Love to read love to write  

Love to watch cartoons at night 

Wants to dance n' sing a song !

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

Timely sleep and early rise 

Keeps me fit, healthy n' wise 

Alarm rings ting tong ! 

I'm a crazy boy

little but strong.

Ding Dong! Ding Dong!

 

Give me wings I wanna fly 

Yes, so high in the sky 

No, matter right or wrong !

I'm a crazy boy

little but strong .

Ding Dong! Ding Dong!

I hope you will like it now...

Thanks 

आदरणीया प्राची जी, 

सादर 

आपके मार्ग दर्शन मैं बाल साहित्य को नयी दिशा मिली है. मुख्य प्रष्ट पर स्थान देने हेतु बधाई. यदि रचनाएँ एक लेखक की सारी की सारी एक जगह हो जाएँ तो ज्यादा बेहतर होगा, जैसे मुख्य ब्लॉग मैं ये सुविधा है. 

आपकी टिप्स बाल रचना के सम्बन्ध मैं एक जगह होनी चाहिए. 

मेरी रचना को आपने नया कलेवर दिया, सीखने की  प्रक्रिया तेज होगी. और कैसे रचना लिखनी चाहिये. ज्ञान प्राप्त हुआ. साधुवाद. 

आदरणीय प्रदीप जी 

मंच पर हम सभी समवेत सीख रहे हैं... आपको मेरे द्वारा अपनी रचना में किये गए ये छोटे छोटे बदलाव पसंद आये..यह कह कर आपने जो मान दिया है उसके लिए आपकी हृदय से आभारी हूँ.

बाल साहित्य का क्षेत्र साहित्य के सबसे उपेक्षित क्षेत्रों में से एक है.... जबकि इसे सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए, क्योंकि बाल मन में काव्य के माध्यम से सद्शिक्षा के बीज रोपना बहुत सहज है ...... बाल साहित्य समूह को मुख्य पृष्ठ पर स्थान देने का मंतव्य साहित्यकारों को बाल/शिशु रचना लेखन के लिए प्रोत्साहित  करने का ही है..

आप शिकायत व सुझाव समूह में अपने सुझाव रख सकते हैं..

सादर. 

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