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समीक्षा पुस्तक : नागफनी के दंश

प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्स्टेंशन, नाला रोड,

22 गोदाम, जयपुर-302006.

मूल्य : रूपये १२०/-

 

 

 “नागफनी के दंश” रेखा लोढ़ा ‘स्मित’ द्वारा रचित दोहों का एक उत्तम संग्रह है. इस पुस्तक में प्रकाशित 728 दोहे किसी एक विषय पर न होकर भिन्न-भिन्न विषयों पर दो पंक्तियों में अपनी बात उसी तीव्रता के साथ कह रहे हैं जिसके लिए दोहा छंद प्रसिद्द है अर्थात इसमें ‘घाव करे गंभीर’ वाली बात बनती दीख रही है.

 

 पाठक को इस पुस्तक में नारी पीड़ा, आम मानव की पीड़ा, ,मानवता धर्म और रिश्तों के साथ ही त्यौहारों के सुवास पर उत्कृष्ट दोहे पढने मिलेंगे. कोई भी रचनाकार आज देश की राजनीतिक परिदृश्य पर रचनाएं न करता हो ऐसा असंभव ही प्रतीत होता है. रेखा जी भी इससे अछूती नहीं रहीं हैं उन्होंने वर्तमान की राजनीति के चाल चलन पर मुखरता से दोहों के माध्यम से अपनी बात कही है.

 पुस्तक में राजस्थान की माटी को गर्वित करते  दोहे पढ़कर पाठक स्वयं ही अनुमान लगा देगा की रेखा जी राजस्थान की बेटी हैं.

 कुल मिलाकर यह दोहा संग्रह हर वर्ग के लिए एक उत्तम उपहार है. भाषा की सहजता से आम इंसान भी दोहा रचने के उद्देश्य को भलीभांति समझ सकता है.

 

 रेखा जी के दोहों का भावपक्ष बहुत ही प्रबल है, कुछ दोहों में रह गईं अशुद्धियाँ बतातीं हैंकि प्रकाशन के पूर्व जिस सावधानी की आवश्यकता थी वह नहीं रही है किन्तु लगभग सभी दोहे शिल्प पर भी खरे हैं. मैं रेखा लोढ़ा ‘स्मित’ जी को इस संग्रह के प्रकाशित होने पर बहुत बधाई देता हूँ.

 

 कुछ दोहे इस संग्रह के साझा कर रहा हूँ.

 

ढूँढ़ा सारे विश्व में, जीने का आधार |

ढ़ाई आखर में मिला, इस जीवन का सार ||

 

दोष देखना और के, होता है आसान |

भीतर अपने झाँकिये, है दोषों की खान ||

 

गुरु चरणों में हम नमन, करते हैं शत बार |

शुभाशीष गुरु का फले, तब होता उद्धार ||

 

राम नाम पतवार से, हो जाता भव पार |

राम नाम अवलम्ब है, प्रभु जीवन आधार ||

 

हरियाली खोने लगी, लुप्त हुई जलधार |

बोलूँ या मैं चुप रहूँ, कोयल करे विचार ||

 

राजनीति के नाम पर, बस होते षडयंत्र |

हर मनके पर जप रहे, मात्र स्वार्थ का मन्त्र ||

 

सूर्य सरीखा शौर्य है, सतरंगी है शान |

धरती राजस्थान की, हीरों वाली खान ||

 

पंख पसारे थे अभी, छूने को आकाश |

लगे बाँधने फिर मुझे, ये रिश्तों के पाश ||

 

 

समीक्षक : अशोक कुमार रक्ताले,

54, राजस्व कॉलोनी, फ्रीगंज, उज्जैन ४५६०१०.(म.प्र.)

मोबाइल : 09827256343

 

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