मनखे काबर तैं करे, अइसन कोनो काम ।
जगह जगह ला छेक के, अपन बिगाड़े धाम ।।
अपन बिगाड़े धाम, कोन ला हे गा भाये ।
चाकर रद्दा छोड़, कोलकी जउन बसाये ।।
रोके तोला जेन, ओखरे बर तैं सनके ।
मनखे मनखे कहय, वाह रे तैं तो मनखे ।।
कइसे ये दुनिया हवय, बनथे खुद निरदोस ।
अपन आप ला छोड़ के, दे दूसर ला दोस ।।
दे दूसर ला दोस, दोस ला अपन लुकावै
घेरी बेरी दोसए जमाना के बतलावै ।।
होवत दुरगति गांव, बनेे सब पथरा जइसे ।
पथरा के भगवान, देख मनखे हे कइसे ।।
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