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                     सदस्य टीम प्रबंधन " दोहा के कारण से मन इतना प्रसन्न हो गइल कि चुनाव के हरासी त खत्म हो गइल । दोहा के ख…"indravidyavachaspatitiwari replied Nov 9, 2015 to चुनावी दौर के बाद (दोहा छन्द) // --सौरभ  | 
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                            Nov 13, 2015                 Reply by Santlal Karun  | 
    
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                     मुख्य प्रबंधक "बागी जी के सामयिक कविता के पढिके मन गदगद हो गइल उ एतना मन के छूवलस की का कहीं। ओकरा…"indravidyavachaspatitiwari replied Sep 22, 2015 to भोजपुरी गीत : शाबास बबुआ  | 
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                            Sep 22, 2015                 Reply by indravidyavachaspatitiwari  | 
    
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