For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सावनी गीत

                         

  सावन क आयल महीनवा हो

  हियरा हुलसाईल

  चनवा क जईसे चननिया हो

   अड.गना उतराईल  !

१ – पण्डित पाहुन अगुवा ह आईल

    दिन सगुन सभे लागल धराईल

    बाबूजी बईठे कगरिया हो

    अखिया भरि आईल     !         सावन .....................................

२ – पुअरा पलानी से झाके पतईया

    मेघ मल्हार गाए झीगुर बजईया

    ताल ठोक आयल प॓चईया हो

    जरई ह खोसाईल  !       सावन ...............................

३ – मोटरी गुलाब लेहले बेला फ़ुलाईल

    जूही कामिनी फ़ूले बगिया गदराईल

    मह –मह महके अड.गनईया हो

     कजरी ह गवाईल  !       सावन ..................................

४ – चम से चमक के बिजुरिया लुकाईल

     बदरा मे रहि -रहि जोन्हिया अड.जोराईल

    चनवा करै मनुहार  हो

     अन्हरिया घेरि आईल  !     सावन ..................................

५ – नदिया उतान भईल जल भरियाईल

     गउआ नगर “मञ्जरी “ बुडीयाईल

     नईया अस डोलै परनवा हो

     लोगवा अकुलाईल  !         सावन ................................

नोट : - चन्द्रबिन्दु एवम अनुस्वार चाह कर भी मै टाईप नही कर पाई ! अत:  

       सुधी पाठकबन्धुओ से निवेदन है कि वैसी जगहो पर स्वविवेक का प्रयोग

       कर मुझे कृतार्थ करे  ! धन्यवाद !                                              

मौलिक एवम अप्रकाशित 

 

Views: 1068

Replies to This Discussion

इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.....

आहा !! असली माटी के सुगंध आवत बा एह रचना में, भोजपुरिया संस्कार आ संस्कृति में हर महिना के एगो अलगे महत्व होला, वोमे सावन के का कहे के बा , एक से एक गीत आ त्यौहार, बहुत नीमन राउर गीत भईल बा, बधाई सवीकार कईल जाव । 

बहुते नीक ... जियरा जुड़ा गईल पढ़ि के

ढेर के बधाई रउआ के

आदरणीया मंजरी जी. राउर एह गीतरआजु नज़ परल बा हमार .. एह से पहिले त छिमा के दरकार बा.

गीत के भाव आ शब्द चयन बहु्ते ऊँच बा. दिल से बधाई..

अहा..हा..हा..हा...!!!!!....मन के अथाह शांति...मिलल...आ. मंजरी जी...राउर रचना साचो में..रेडियो के ऊ जमाना के याद ताजा करी दिह्लक..जब हम..बाबू..माई के..साथे...बधार में...जात रहनी..गाना...सुनत..रहनी...बहुत निक लागल.

पुअरा पलानी से झाके पतईया

    मेघ मल्हार गाए झीगुर बजईया

    ताल ठोक आयल प॓चईया हो

    जरई ह खोसाईल  ! .....................लाजवाब....

नदिया उतान भईल जल भरियाईल

     गउआ नगर “मञ्जरी “ बुडीयाईल

     नईया अस डोलै परनवा हो

     लोगवा अकुलाईल  ! .....................बेमिशाल.....

...........................................................................नमन राउर लेखनी के.........!!!!!!!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service