For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाथे मेंहदी चूड़ी कगनावा,     पांवे पइलीया डारी के

चलली गोरी पिया संगवा, नईहर नगरीया छोरी के,

माई रोवे, बाबू रोवे  रोवे दुलरा             भइवा

रोवे ली कुल सखी सहेली,रोवे   कुल खनदानवा

अजुरी भर उ फेकस चउरा माई के       अचरवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

 

बेटी धरम उ खूबे निभवली माई के अगनवा

चलली निभावे पतोहू धरम संगे ले सजनवा

बनी हे केतना रिसता देखअ जाने अंजनवा

करीहे पूरा  देखअ कईसे सब कर अरमनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

 

अपनो त बाटे जिनंगी में कुछु त सपनवा

चुलीहे तर ना बीते दिहे आपन अरमनवा

दू गो कुल के जुडगई बाटे उनका संगे नमवा 

मान बढइहे कुल के उत जागे बेटन से अगवा  

मत बूझे केहू खाली नरम कलाई बाटे बहुते जनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

बहुते जरवलस डाली किरासन हमरा के जमनवा

दुलहीन ना खाली हम त उहे पीसे जेके जमनवा

प्‍यार से रखब त होजाई सब कर कुलही कहनवा

हमहू भूखाईल प्रेम क बानी काहे ना बूझे जमनवा

बढके अगवा  हम त  बनाइब आपन पहचनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

अखंड भइया खाली गीतेये ना लिखीह दिह एगो बचनवा

ना बूझीइह बधली जे रखीया ओसे कहीला इ कहनवा

भले अब ना हइ हम अबला बाकि डरावेला इ जमनवा

अस्मिता के हमार रक्षा तू करीह बाटे बस इहे कहनवा

ससुरा,नइहरा सब फूले ना समाई  देख के हमार नमवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

मौलिक एंव अप्रकाशित अखंड गहमरी

 

Views: 697

Replies to This Discussion

बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ……………..

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service