बतकही ( गपसप ) अंक 5
लछुमन भाई के चाय दुकान बंद रहे उनकर दुकान के सामने रोज के अपेक्षा लोग कम रहे, आदत के अनुसार हम उहा पहुच गईनी हमरा के देख सुनील भाई कहलन गुरु जी लछुमन भाई के बहुत बड़का बीमारी हो गइल बा, का भइल बा उनके आज दुकान काहे बंद बा, तब उ कहलन बात इ बा गुरु जी कि काल टेलीविजन में उ देखलन की बाबा राम देव 4 तारीख से अनसन पर बइठे वाला बाडन,
आउर उ जेतना काला पईसा बिदेश में बा वोकरा के वापस ले अइहन, एकरा अलावा बहुत कुछ सुनलन, एतना सुनला के बाद उ राते के गाड़ी पकड़ के दिल्ली चल गइलन , तब हम कहनी उहा जाके उ का करिहन, तब सुनील भाई कहलन आज उनकर हमरा फोन पर मेसेज आइल हा की "एगो मिस कॉल करे से 84 करोड़ लोग के जीवन में खुशहाली आई , 02233081122 ( tollfree )
बाकिर मिस कॉल करी सत्याग्रह के समर्थन करी इ sms कम से कम 10 लोग के भेजी, हमरा मुह से अन्यास निकल गइल की लछुमन भाई लेखा अगर हिंदुस्तान के सब कोई सोचे लागी त इ कालाधन बनावे वाला मशीन (नेता) लोग पर लगाम लाग जाई, आज हम कहत बानी जय हो लछुमन भाई के अउर हमनी के उहा से चल देहनी सन |
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सामयिक संदर्भ पर गपशप चल परल बा, भाईजी.
ई कहे के नइखे... जे अपना देस के आम अमदी (आदमी) बढिया-बढिया देसन के बुद्धि-धारकन से ढेरन संवेदन्शील बा. जवनो कुछ कमी बा, त ऊ बा, ओकर चेतना के निकहा आदर के. एही आदर आ सम्मान के फेरा में गाँव-गुरबा के अमदी बुद्धू बनल जाने कौ-कौ हाली, कवना-कवना का हाथे बरिसन से छलाइल जा रहल बा. .. जेकरे ओरि से तनिका भरोसा बनल, आकि, ओकरे ओरे खाँचि के खाँचि जुटान भइल जात बा.. देस आ समाज के बेहतरी खातिर जतना देस-गाँव लोग-बाग संवेदनशील होले, ओतना शहरियन के लोग ना होखस.. ई आजु कवनो छूपल बात नइखे.
राउर गपशप के लछुमन भाई ओही गाँववाला अमदी के प्रतिनिधी अस सामने आइल बाड़े. देखीं एह बेर ई जनि छलास.
गपशप के प्रयास खातिर बधाई.
कुल्हि बैसाखनन्दन जब बैकुंठे जइहें त लादी के ढोयी..!!?
माने ई एकदम से ना जे लछुमन अस लोगन के कमतर आँकल ज रहल बा एह कहावत से. खलसा अतना ले इसारा कइल गइल बा जे बेक्ती-बेक्ती (व्यक्ति-व्यक्ति) के समाज आ परिवार में ओकर आपन छमता के अनुसार दायित्त्व नियत होला. आ ना, त ओही अनुसार दायित्त्व होखे के चाहीं. दादा के काम पोता ना करिहें जले ओह आसन पर ना अइहें. ना त कुल्हि काम जहुआ जाई.
बिस्वास बा जे बात के ओरी हम कहि सकनीं हाँ.
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