For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")



बतकही ( गपसप ) अंक 5

लछुमन भाई के चाय दुकान बंद रहे उनकर दुकान के सामने रोज के अपेक्षा लोग कम रहे, आदत के अनुसार हम उहा पहुच गईनी हमरा के देख सुनील भाई कहलन गुरु जी लछुमन भाई के बहुत बड़का बीमारी हो गइल बा, का भइल बा उनके आज दुकान काहे बंद बा, तब उ कहलन बात इ बा गुरु जी कि काल टेलीविजन में उ देखलन की बाबा राम देव 4 तारीख से अनसन पर बइठे वाला बाडन,
आउर उ जेतना काला पईसा बिदेश में बा वोकरा के वापस ले अइहन, एकरा अलावा बहुत कुछ सुनलन, एतना सुनला के बाद उ राते के गाड़ी पकड़ के दिल्ली चल गइलन , तब हम कहनी उहा जाके उ का करिहन, तब सुनील भाई कहलन आज उनकर हमरा फोन पर मेसेज आइल हा की "एगो मिस कॉल करे से 84 करोड़ लोग के जीवन में खुशहाली आई , 02233081122 ( tollfree )
बाकिर मिस कॉल करी सत्याग्रह के समर्थन करी इ sms कम से कम 10 लोग के भेजी, हमरा मुह से अन्यास निकल गइल की लछुमन भाई लेखा अगर हिंदुस्तान के सब कोई सोचे लागी त इ कालाधन बनावे वाला मशीन (नेता) लोग पर लगाम लाग जाई, आज हम कहत बानी जय हो लछुमन भाई के अउर हमनी के उहा से चल देहनी सन |

Views: 1045

Replies to This Discussion

सामयिक संदर्भ पर गपशप चल परल बा, भाईजी.

ई कहे के नइखे... जे अपना देस के आम अमदी (आदमी) बढिया-बढिया देसन के बुद्धि-धारकन से ढेरन संवेदन्शील बा. जवनो कुछ कमी बा, त ऊ बा, ओकर चेतना के निकहा आदर के. एही आदर आ सम्मान के फेरा में गाँव-गुरबा के अमदी बुद्धू बनल जाने कौ-कौ हाली, कवना-कवना का हाथे बरिसन से छलाइल जा रहल बा. .. जेकरे ओरि से तनिका भरोसा बनल, आकि, ओकरे ओरे खाँचि के खाँचि जुटान भइल जात बा.. देस आ समाज के बेहतरी खातिर जतना देस-गाँव लोग-बाग संवेदनशील होले, ओतना शहरियन के लोग ना होखस.. ई आजु कवनो छूपल बात नइखे.

राउर गपशप के लछुमन भाई ओही गाँववाला अमदी के प्रतिनिधी अस सामने आइल बाड़े. देखीं एह बेर ई जनि छलास.

गपशप के प्रयास खातिर बधाई.

himmat afjai khatir bahut bahut dhanyabad bhaiya
हाल फिलहाल अइसन कवनो उमीद नइखे लउकत कि कवनो काला धन केहू वापिस ले आई । हँऽ एही बहाने बाबा जी के दूकानदारी जरूर चमक जाई । लछुमन भाई पर हमरा तनी तरस आवता ज आपन दुकान बंद कर के चल दिहले । भाई जी ! हमरा विचार से दिल के बजाए तनी दिमाग से सोचे के चाहीं । भाई बाबा के तऽ पब्लीसिटी मिलत बा बाकिर लछुमन भाई के ?
neelam jee namaskar aisane kuch pagal log ke wajah se kala dhan hindustan me aa sake la dekhi sunil kumar ke u juta le utta lele mare khatir,
Hope for the best.

कुल्हि बैसाखनन्दन जब बैकुंठे जइहें त लादी के ढोयी..!!?

माने ई एकदम से ना जे लछुमन अस लोगन के कमतर आँकल ज रहल बा एह कहावत से. खलसा अतना ले इसारा कइल गइल बा जे बेक्ती-बेक्ती (व्यक्ति-व्यक्ति) के समाज आ परिवार में ओकर आपन छमता के अनुसार दायित्त्व नियत होला. आ ना, त ओही अनुसार दायित्त्व होखे के चाहीं.  दादा के काम पोता ना करिहें जले ओह आसन पर ना अइहें. ना त कुल्हि काम जहुआ जाई. 

बिस्वास बा जे बात के ओरी हम कहि सकनीं हाँ.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service