Sort by:
Discussions | Replies | Latest Activity |
---|---|---|
तोहरे से हम प्यार करेनी ,M , तोहरे से हम प्यार करेनी , तोहे जिया में बसाइब हो , तू हमर हाउ हमरे रहबू , ना त अगिया लगाइब हो , F, हम तोहर जागीर ना हाई , हम इ तोहसे बत… Started by Rash Bihari Ravi |
3 |
Jan 17, 2011 Reply by Rash Bihari Ravi |
"बस तोहरे खातिर"लिखत बानी कविता बस तोहरे खातिर,दिवाना भइनी त बस तोहरे खातिर,केहु के ना देखी अब ई नजर,नजर तरसी भी त बस तोहरे खातिर, हर साँस के साथ करेम याद… Started by Raju |
2 |
Jan 17, 2011 Reply by Raju |
प्रीत के रीत निभईह सजना ,(Directed by OBO Member Mr. Abhishek Tiwari)फिल्म का नाम- प्रीत के रीत निभईह सजना ,निर्माता- स्पेड मीडिया ऐंड इंटरटेनमेंट ,निर्देशक- अभिषेक तिवारी(OBO Member) सह निर्देशक- सुनील गुप्… Started by PREETAM TIWARY(PREET) |
1 |
Jan 17, 2011 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
उलझनमिलेलऽ जब तु होठ सट जाला अइसेरात के अधखिलल फूल हो जइसे,चाह के भी ना हिल पावेला ईतोहसे हम कुछ कही कइसे,पल-पल झपकत रहेला पलक हमारईशारा से भी… Started by Raju |
1 |
Jan 17, 2011 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
तोहरा बिना पिया हो दुनिया बेकार बा ,तोहरा बिना पिया हो दुनिया बेकार बा , आजा तू परदेसी जे हमारा से प्यार बा , फागुन बितल रंग ना चढ़ल हमरा ऊपर , लागत बा की रंगवा के तोहरे इंतजा… Started by Rash Bihari Ravi |
2 |
Jan 15, 2011 Reply by Rash Bihari Ravi |
सोची ले ,सोची ले , इ सभ बात के जीवन में उतार ली , जवना के वजह से , राम पुरुषोतम भाईले , हरिश्चंद उत्तम भाईले , परसुराम के जवान ताकत बनल , धर्मराज जव… Started by Rash Bihari Ravi |
4 |
Dec 31, 2010 Reply by Santosh Kumar |
रे बदरा तू मत आ रे ,रे बदरा तू मत आ रे , अइहे मोरे सजनवा रे , हो जाई मन में हलचल , जब संगे चलिहे सजना रे , बड़ी मुस्किल से उ कहले , आज मिलन के बेला बा , तू जे… Started by Rash Bihari Ravi |
4 |
Dec 31, 2010 Reply by Rash Bihari Ravi |
हम के बानी ?,हम के बानी ?, इहे सोच के , बिचार के , परेशान बानी , अब कुछुओ नइखे सूझत , हम बेकार बानी , हम के बानी ?, मन कहलस हम पंडित , हमरा बात में दम… Started by Rash Bihari Ravi |
1 |
Dec 27, 2010 Reply by Neet Giri |
गम से हमार नाता बाटे पुरान ,गम से हमार नाता बाटे पुरान , इंसानियत कहाला का ना पवनी जान , हमरा त बाटे बस एतना बतावे के , जान जाई इ किस्सा बा बड़ा दुःख दाइ , आइल अइसन आं… Started by Rash Bihari Ravi |
2 |
Dec 23, 2010 Reply by Rash Bihari Ravi |
उ आँगन होला गंगा अस पावन ,उ आँगन होला गंगा अस पावन , रहे जहा तुलसी के वास , तोहरे पे लागल बाटे आस , मत तुरिहा विश्वास ऐ माई, मत तुरिहा विश्वास, हमार घर बाटे एगो मंदि… Started by Rash Bihari Ravi |
4 |
Dec 23, 2010 Reply by Rash Bihari Ravi |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |