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सदस्य टीम प्रबंधन सुमुखि सवैया [जगण X 7 + लघु + गुरु]सवैये का यह प्रकार जगण यानि जभान या लघु गुरु लघु (।ऽ। ) की आवृति पर चलता है. अर्थात - सुमुखि सवैया = जगण X 7 + लघु + गुरु या, इसे ऐसे भी… Started by Saurabh Pandey |
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Dec 7, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
सदस्य टीम प्रबंधन सुन्दरी सवैया [सगण X 8 + गुरु]दुर्मिल सवैया के विषय में चर्चा कर चुके हैं जिसका सूत्र सगण X 8 होता है. सगण की इस आवृति या वर्ण वृत के अंत में एक गुरु के जोड़ दिये जाने… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 7, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन मंदारमाला सवैया [गुरु + रगण X 7 // तगण X 7 + गुरु]हमें गंगोदक सवैया के बारे में जानकारी हो चुकी है जिसका विधान रगण X 8 होता है. इस वृत से एक रगण हटा कर इसके आदि में एक गुरु जोड़ दिया ज… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 6, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन वाम सवैया [जगण X 7 + यगण]मुक्तहरा सवैया का विधान आठ जगण की आवृति है. इसके अंतिम यानि आठवें जगण के तीसरे लघु वर्ण को गुरु वर्ण कर दिया जाय तो उक्त जगण यगण (यानि लघ… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 6, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन मुक्तहरा सवैया [जगण X 8]हमने इस लेखमाला की कड़ी में सुमुखि सवैया की जानकारी प्राप्त कर ली है. सुमुखि सवैया का विधान सात जगण (लघु गुरु लघु) के पीछे लघु गुरु का स… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 6, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन सुख सवैया [सगण X 8 + लघु + गुरु] और सुखी सवैया [सगण X 8 + लघु + लघु]इस सवैये (वृत) के दो प्रारूप उपलब्ध हैं, एक सुखी सवैया कहलाता है तो दूसरा प्रारूप सुख सवैया. बहरहाल, पहले हम मूल विधान पर चर्चा करें, फिर इ… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 5, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन चकोर सवैया [भगण X 7 + गुरु + लघु]इससे पहले कि हम शीर्षक सवैया पर बात करें हम पुनः मदिरा सवैया का स्मरण करें जिसका विधान सात भगण प्लस एक गुरु का होता है. यानि मदिरा सवै… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 5, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन मत्तगयंद सवैया [भगण X 7 +गुरु+गुरु]मत्तगयन्द सवैया 23 वर्णों का छन्द है, जिसमें सात भगण के पीछे यानि बाद दो गुरुओं का योग होता है. भगण का रूप भानस है जिसके शब्द गुरु लघु लघु… Started by Saurabh Pandey |
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Dec 5, 2012 Reply by Dr.Prachi Singh |
सदस्य टीम प्रबंधन मदिरा सवैया [भगण X 7 + गुरु]हमने सवैया के विभिन्न रूपों पर चर्चा करने के क्रम में मत्तगयंद सवैया के विषय में जाना है. जिसमें भगण की सात आवृति के पश्चात् दो गुरु का ह… Started by Saurabh Pandey |
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Dec 5, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
रोला छंद एक परिचय:रोला छंद एक परिचय: रोले के माध्यम से रोले की परिभाषा :- (सम मात्रिक छंद रोला: चार चरण, प्रति चरण ११-१३ मात्राओं पर यति, अंत में गुरु २ या… Started by Er. Ambarish Srivastava |
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Nov 29, 2012 Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
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