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ज्योतिष विद्या के आधार पर रत्नों के धारण की बहुत महत्ता है परन्तु किस ग्रह के लिए कौन-सा रत्न धारण किया जाए यहाँ हम इस सम्बन्ध में चर्चा करेंगे ताकि लोंगों के लिए उनका चयन करना आसान हों जाएगा.
माणिक्य- यह सूर्य ग्रह का रत्न है, यह सिन्दूर जैसा लाल या कमल-दल जैसा गुलाबी रंग का चिकना, चमकदार और पारदर्शक होता है. यह लाल रंग का प्रकाश उत्सर्जित करता है. यदि जन्म-कुंडली में सूर्य तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव में हों तो इस रत्न को धारण करना चाहिए. यदि जन्म-लग्न मेष, सिंह, वृश्चिक या धनु हों तो इस रत्न को धारण किया जा सकता है. जन्म-कुंडली में यदि सूर्य पंचम, नवम या सप्तम भाव में भी हों तो इस रत्न को धारण करने से वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और समाज में मान-सम्मान, यश और पद मिलता है. विवाह होने में विलम्ब हों, सफ़ेद-दाग हों, गर्भ-पात हों जाता हों या पद-प्रतिष्ठा में कोई कमी हों तो इस रत्न को धारण करने से लाभ मिलता है. इस रत्न का कम-से-कम तीन रत्ती सोने या ताम्बे की अंगूठी में जड़वा कर रविवार के दिन पुष्य योग में अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए. इसके साथ नीलम, गोमेद और लहसुनिया रत्न वर्जित है.

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