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सदस्य टीम प्रबंधन मकर-संक्रान्ति पर विशेषभारत वस्तुतः गाँवों का देश है. यहाँ के गाँव प्रकृति और प्राकृतिक परिवर्त्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं, बनिस्पत अन्य भौतिक कारणों से. च… Started by Saurabh PandeyLatest Reply |
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जय श्री रामजय श्री रामदोहे____________________ पौष शुक्ल की द्वादशी,सजा अवधपुर धाम।प्राण प्रतिष्ठा हो गए,बाल रूप श्री राम।१। रामलला के साथ में, सजे… Started by सुरेश कुमार 'कल्याण' |
0 | Jun 15 |
महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि महर्षि वाल्मीकि का जन्म महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है कोई कहता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप… Started by PHOOL SINGH |
0 | Apr 1 |
#सरसी_छन्द, उपहारस्वार्थहीन अनुराग सदा ही,देते हो भगवान।निज सुख-सुविधा के सब साधन,दिया सदा ही मान। अपनी सूझ-बूझ से समझी,प्रतिपल मेरी चाह,इस कठोर जीवन की तु… Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" |
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Jan 25 Reply by Shyam Narain Verma |
रास छंद "कृष्णावतार"(रास छंद) हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके त… Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' |
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Jan 25 Reply by Shyam Narain Verma |
#लावणी_छन्द, निधिवनलता,फूल,रज के हर कण में,नभ से झाँक रहे घन में,राधे-कृष्णा की छवि दिखती,वृन्दावन के निधिवन में। प्रेम अलौकिक व्याप्त पवन में,प्रणय गीत से ब… Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" |
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Jan 25 Reply by Shyam Narain Verma |
सदियों का वनवास अंत करगीत पुलकित तन से पुलकित मन से, नाच रहे है जन जन सारे।सदियों का वनवास अंत कर, सकल राष्ट्र में राम पधारे।**राजनीति ने करवट ली तो, हर … Started by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' |
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Jan 25 Reply by Shyam Narain Verma |
पुरुषोत्तम श्री रामश्री राम के जैसा चरित्र न मिलता चाहे ढूँढ लो इस जहान में मर्यादा की जो साक्षात मूर्ति, न उनसे बड़ा कोई ज्ञान में।। शिव का क्रोध और दुर्ग… Started by PHOOL SINGH |
0 | Jan 24 |
राम मंदिरराम मंदिर राम व्यापक राम विश्वात्मा हर जीव में है राम बसा जन्मभूमि श्री राम कहलाती, भव्य मंदिर एक वहाँ बना।। देश की आत्मा देश की आस्थ… Started by PHOOL SINGH |
0 | Jan 23 |
वैंकुंठधाम आगमनकाल का नियम कठोर है होता सभी को इसको वरना हो श्री राम अछूते रह सके न, क्या मानव जीवन का वर्णन हो|| आते साधू रूप में काल देवता श्री राम स… Started by PHOOL SINGH |
0 | Jan 18 |
क्या युद्ध निश्चित था?क्यूँ रोकते द्रौपदी को जब कर्ण लक्ष्य भेद में माहिर था अपमान कराते द्रौपदी से उसका, जानते थे वो ज्येष्ठ पुत्र है कुंती का|| युद्ध से पहल… Started by PHOOL SINGH |
0 | Jan 15 |
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