जीवन संगिनी
हार हार का टूट चुका जब
तुमसे ही आश बाँधी है
मैं नहीं तो तुम सही
समर्थ जीवन की ठानी है||
मजबूर नहीं मगरूर नहीं मैं
मोह माया में चूर नहीं मैं
साथ तुम्हारा मिल जाए तो
लक्ष्य से भी दूर नहीं मैं ||
सुख दुःख की घटना तो
जीवन में घटती रहती है
छोटी छोटी नोक झोंक भी
हर रिश्ते में होती है
छोड़ न देना साथ निभाना
तुमसे, प्रेम की डोर जो बाँधी है||
गलत किये थे कुछ निर्णय
ये बात भी स्वीकारी है
मैं गलत और तुम सही
गलती मैंने मानी है
मझधार में फसीं जिंदगी की
नैया पार लगानी है||
जीवन संगिनी बनकर,
मेरी जिंदगी, सँवारी है
घर नहीं मेरे दिल में रहना
बस ख़्वाहिश ये हमारी है
मैं नहीं तो तुम सही
समर्थ जीवन की ठानी है||
सुनसान सड़क, सुनसान रात है, सुनसान सबके अन्तर्मन
कैसे विपदा आन पड़ी ये, दुख, तड़प और है उलझन ||
चिराग भुझ रहे हर पल, हर क्षण, लगा दो चाहे तन, मन, धन
कड़ा समाधान न मिला अभी तक, जकड़ रहा है गहरा तम ||
भूख, प्यास और खाली है घर, रोजी रोटी भी हो गई बंद
वायु में जैसे विष घुला है, कैसा संकट ये कैसा कष्ट ||
हर पीड़ित अब यही पूछता, भूख लगने पर हो बंधन
पापी-खाली पेट तो मान रहा न, कैसे इच्छापूर्ति करेगा रंक ||
हाथ…
ContinuePosted on April 18, 2021 at 10:00am
शिकायत कभी भी खत्म ना होती
कोई जीवन चाहे कुर्बान करें
खाली दिमाग का सब फितूर है
ये सोच के अपना काम करें ||
हर तरह के लोग जहां में
बस मेहनती लोगो की बात करें
कष्ट सहकर भी हार ना माने
जज्बे को उनके सलाम करें ||
पद मिले तो अभिमान में भरते
ना बड़े-छोटे का सम्मान करें
संस्कारों की बात कहीं ना
बस अपने कर्मो का गुणगान करें ||
कुछ लोगो की आदत बुरी है
उनकी कभी ना बात करें
हर…
ContinuePosted on January 27, 2021 at 6:30pm — 1 Comment
मौन रहता सच सदा ही, आवाज झूठ ही करता है
कर्म दिखाता सच का चेहरा, झूठ भ्रम को पैदा करता है ||
प्रमाण देता झूठ सदा ही, खूब खोखले दावे करता है
परवाह ना सच को किसी बात की, वो तो हौंसले की उड़ान को भरता है ||
तकलीफ होती झूठ को हरदम, ना खुशी बर्दास्त ही करता है
आग लगाता कहीं ना कहीं, जब भी शोर वो करता है ||
सच सागर सी शक्ति का मालिक, सदा मर्यादा…
ContinuePosted on January 20, 2021 at 9:59pm — 1 Comment
धन, दौलत तो उपयोग की वस्तु, जाती कभी भी साथ नहीं
कद्र ना होती उस शख्स की, पैसा जिसके पास नहीं ||
आज बचा लो कल मिलेगा, इसे बचाना दोष नहीं
दर-दर की वो ठोकर खाता, गरीब की कोई औकात नहीं ||
सुख-वैभव उसके दर विराजे, पैसो की ना जिसके पास कमी
अनकहे रिश्ते खुद बन जाते, आदर्श बनती हर बात कही ||
कुछ दोष तो यूं छिप जाते, उम्मीद जिसकी होती…
ContinuePosted on December 19, 2020 at 1:44pm — 2 Comments
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