A SENSE OF SUBLIME
Oum Shivoham Shivoham
Anandoham Anandoham
May I see That Divine
May I see The Sublime
In you first
Before I even sense
A sign that I am tense
For I took some offense.
May I hear The Divine
Know that you are fine
It is not for me to opine
No matter how harsh
No matter how unkind
Some words I find.
For, what shall a man gain
Seeing the "other" in another
Or, after countless births
Seeing an enemy in brother
Sorting the little me and mine
In that old darkening mirror.
Oum Shivoham Shivoham
Anandoham Anandoham
------
-- Vijay Nikore
October 7,2013
(original and unpublished)
Tags:
Respected Vandana ji:
It is so kind of you to bestow so much respect ... thereby
giving me encouragement to keep working on the path...
Yes, the feeling of शिवोऽहं and आनन्दोऽहं is the peak of spirituality,
and this peak is difficult to reach, and yet this goal can be enticing
and alluring for some of us, constantly pulling us. The beauty of it
is that every effort towards it gives happiness and a unique feeling
of peace.
The journey begins with utter humility and continues with humility,
for humility helps in guarding us against our ego which is a major
impediment in our progress.
Regards,
Vijay
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |