अभय कान्त झा दीपराज के मैथिली गीत क्रमांक - १
भगवती के गीत
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे , हमरा पर उपकार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू ||
हम कामी , लोलुप और पापी , अपराधी संसार के |
शरण अहाँ के अयलों माता आशा ल क प्यार के ||
चाहे दण्डित करू हे जननी , चाहे बेड़ा पार करू |
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे , हमरा पर उपकार करू || १ ||
माता अंश अहीं के हम सब , अहीं क रूप अनेक अछि |
हम कपूत त दोष अहीं के , अहीं क देल विवेक अछि ||
अब चाहे अहाँ करू तामश , चाहे हमरा प्यार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू || २ ||
नेहक आशा ल क जननी , शरण अहाँ के आयल छी |
अहीं उबारब त हम उबरब , अहीं के भटकायल छी ||
अहीं बनेलौं मूरख हमरा , अहीं बुद्धि आगार करू |
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे , हमरा पर उपकार करू || ३ ||
जग में हे जगदम्बे अहीं स्नेहक भण्डार छी |
बुद्धि, ज्ञान, बल, विद्या के अहाँ, सागर छी , संसार छी ||
हाथ कृपा के राखि माथ पर , हमरो नीक कपार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू || ४ ||
स्वस्थ, सुखी, संपन्न, धर्म - युत जीवन के आशीष दिअ |
परमारथ और पर सेवा में झुकल रहय ओ रहय ओ शीश दिअ ||
बसि क हमर आत्मा में माँ , पापक अहाँ संहार करू |
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे, हमरा पर उपकार करू || ५ ||
गीत के रचनाकार - अभय दीपराज
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