For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक - 30 (Now Closed)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 30 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.


छंदोत्सव के नियमों में कुछ परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें |

(प्रस्तुत चित्र अंतरजाल से साभार लिया गया है)

तो आइये, उठा लें अपनी-अपनी लेखनी और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण !

आपको पुनः स्मरण करा दें कि छंदोत्सव का आयोजन मात्र भारतीय छंदों में लिखी गयी काव्य-रचनाओं पर ही आधारित होगा. इस छंदोत्सव में पोस्ट की गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों के साथ कृपया सम्बंधित छंद का नाम व उस छंद की विधा का संक्षिप्त विवरण अवश्य लिखें.  ऐसा न होने की दशा में आपकी प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार कर दी जायेगी.

 नोट :

(1) 20 सितम्बर 2013 तक Reply Box बंद रहेगा,  21 सितम्बर दिन शनिवार से 22 सितम्बर 2013 दिन रविवार यानि दो दिनों के लिए Reply Box रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो. रचना भारतीय छंदों की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है. यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे और केवल अप्रकाशित एवं मौलिक सनातनी छंद की रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 30 की आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में दो रचनाएँ. 

 

रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी । 

 

नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.

 

सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

 

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.

 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.  

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहा...

 

 

मंच संचालक

सौरभ पाण्डेय

(सदस्य प्रबंधन समूह)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 15919

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आपकी प्रतिक्रिया उत्साहित करती है, भाई गणेशजी. सही बात कही आपने कि यह चित्र की महिमा है जो इतनी अच्छी कृति रचित हो पायी है

जब यह चित्र चयनित होने की प्रक्रिया में था तो प्रधान सम्पादक आदरणीय योगराज भाईने कहा भी था कि इसमें काव्य संभावनाएँ (potential) बहुत अधिक हैं.

रचना को मिले आपके अनुमोदन से मन खुश है.

शभ-शुभ

प्राण पीढ़ियों से लिये, शोणित मर्यादा जिये !
नव का स्वागत सत्य है, शाश्वत शुद्ध अमर्त्य है !!

 

नव-अंकुर के हेतुकम, पूर्वज-वंशज सेतु हम ।
परम्परा संचालते, वंश विगत को पालते !...... वाह  अति सुंदर !! उल्लाला छंद में   जीवन के सुंदर  शाश्वत सत्य की गहनतम प्रस्तुति ... बहुत -२ हार्दिक बधाई स्वीकार करें  आदरणीय सौरभ सर  

आपको मेरा रचनाकर्म पसंद आया और रचनाप्रक्रिया सार्थक लगी, महिमा श्री, यह मेरे लिए भी गर्व की बात है.

आप सभी सुधी पाठकों और रचनाकर्मियो से बहुत कुछ सीखना है अभी.

सहयोग बना रहे.

शुभ-शुभ

वाह-वाह! सर जी,  शाश्वत शुद्ध अमर्त्य है, यह उल्लाला छंद है।  हृदयतल से बधार्इ स्वीकारें।  सादर,

हार्दिक धन्यवाद स्वीकारें, भाई केवल प्रसादजी.

शुभम्

आदरणीय सौरभ जी बहुत उत्कृष्ट सशक्त प्रस्तुति है हर पद जीवन की सच्चाई सार्थकता को साकार करता.

इन पंक्तियों ने तो प्रदत्त चित्र के मर्म को मुखरित कर दिया
प्राण पीढ़ियों से लिये, शोणित मर्यादा जिये !
नव का स्वागत सत्य है, शाश्वत शुद्ध अमर्त्य है !!----
नव-अंकुर के हेतुकम, पूर्वज-वंशज सेतु हम ।
परम्परा संचालते, वंश विगत को पालते !
बहुत सुन्दर अप्रतिम रचना हेतु शत शत बधाई

रचना को मान देने के लिए सादर धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारीजी.  ..

आदरणीय सौरभ जी, आपकी छंद रचनाएँ बहुत एकाग्र होकर पढ़ने से ही असली आनंद आता है। गूढ भाव एक नए संसार में ले जाते हैं। पढ़ते पढ़ते ही खो मन खो जाता है।

 

आज सदा गत नींव में, प्रवहमान संजीव में ।  
प्रकृति लीला लहर चरम, नूतन शिव-सुन्दर परम ॥

 

 नव-अंकुर के हेतुकम, पूर्वज-वंशज सेतु हम ।
परम्परा संचालते, वंश विगत को पालते !.....

कितने गूढ और सुंदर भाव...आपकी लेखनी को बार बार नमन

आदरणीया कल्पनाजी, आपका उदार अनुमोदन आपके औदार्य का आईना है. रचना प्रयास आपको रुचिकर लगा यही मेरे लिए सुखकर है, आदरणीया.

सादर धन्यवाद

नव का स्वागत सत्य है, शाश्वत शुद्ध अमर्त्य है !!

निशब्द करती रचना आदरणीय सौरभ सर 

आपका सादर धन्यवाद, आदरणीया.

आदरणीय सौरभ भैया,

चित्रसे सम्बन्धित रचना, सभी सोचने पर मजबूर करती है. 

जीवन का आधार क्या, उद-बुद क्या, संसार क्या ?
अणु से अणु को सींचना, कारण-कर्म उलीचना ?..   संस्कार और ज्ञान के संप्रेषण पर सुन्दर विचार.

उर्ध्व ब्रह्म के गर्भ में, संभव के संदर्भ में - 
वृत्ति चराचर व्यापती, काल क्षितिज तक मापती !....वृद्धावस्था की अवस्था जो वो है उसे काल के साथ दो दो हाथ करने को आतुर...वाह 

तमस-रजस के योग में, देह-मनस के भोग में - 
संस्कारों का मूल है, जन्म तभी अनुकूल है ॥....यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो... वाह-वाह

प्राण पीढ़ियों से लिये, शोणित मर्यादा जिये !
नव का स्वागत सत्य है, शाश्वत शुद्ध अमर्त्य है !!.....मान है सम्मान है अपने आप पर अपने अतीत पर उसके इतिहास पर वाह वाह !

नव-अंकुर के हेतुकम, पूर्वज-वंशज सेतु हम ।
परम्परा संचालते, वंश विगत को पालते !......वाह वाह 

सादर.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" पर्यावरण की इस प्रकट विभीषिका के रूप और मनुष्यों की स्वार्थ परक नजरंदाजी पर बहुत महीन अशआर…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"दोहा सप्तक में लिखा, त्रस्त प्रकृति का हाल वाह- वाह 'कल्याण' जी, अद्भुत किया…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीया प्राची दीदी जी, रचना के मर्म तक पहुंचकर उसे अनुमोदित करने के लिए आपका हार्दिक आभार। बहुत…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी इस प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरे प्रयास को मान देने के लिए। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह एक से बढ़कर एक बोनस शेर। वाह।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"छंद प्रवाह के लिए बहुत बढ़िया सुझाव।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"मानव के अत्यधिक उपभोगवादी रवैये के चलते संसाधनों के बेहिसाब दोहन ने जलवायु असंतुलन की भीषण स्थिति…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" जलवायु असंतुलन के दोषी हम सभी हैं... बढ़ते सीओटू लेवल, ओजोन परत में छेद, जंगलों का कटान,…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी है व्योम में, कहते कवि 'कल्याण' चहुँ दिशि बस अंगार हैं, किस विधि पाएं त्राण,किस…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"भाई लक्षमण जी एक अरसे बाद आपकी रचना पर आना हुआ और मन मुग्ध हो गया पर्यावरण के क्षरण पर…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service