शिक्षा ही मानव को मनुष्य बनती है |मनुष्य की चेतना का निर्माण शिक्षा से ही होता है | ये ही हर देश , समाज , परिवार के सम्पूर्ण विकास लिए आवश्यक तत्व है |मात्र साक्षरता को शिक्षित नही मान सकते | परन्तु भारत मे आकड़ो की सरकारी बाजीगिरी से साक्षरता दर उच्च बनी हुई है |
किन्तु भारत के लिए ये अनेको समस्याओ का हल शिक्षा है |
|और उसमे भी सबसे जरुरी है नारी/ बालिका शिक्षा , क्युकी भारत मे नारी शिक्षा दर वास्तव मे काम ही है | क्युकी यहा जरुरत है उच्च शिक्षा की , और यहा माध्मिक शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा को ही शिक्षा का पैमाना माना जाता है |यहा तक की मात्र लिख और पड़ सकने बालो को शिक्षित होने का प्रमाण पत्र सरकारी तौर पर मिलता है और शिक्षा के आकडे गुलाबी होने लगते है |
अगर परिबार की महिला उच्च शिक्षित हो तो उसका प्रभाव सर्वप्रथम परिवार की नई पीढियों पर तदुपरांत समाज और आस – पास के इलाके पर क्रन्तिकारी रूप से पड़ता है | एक नारी को दी शिक्षा सामाजिक विकास एवं परिवर्तन के नये रास्ते खोलते है |क्युकी उसका प्रभाव उसके बालको पर पड़ता है उनकी शिक्षा देना सरल हो जाता है |
भारत की वर्तमान मुख्या समस्या है एकता और अखंडता पर मडराता खतरा और दिल्ली से दूर राज्यों मे अलगावबाद की फैलती विचारधारा है | बास्तव मे असिक्षित या अल्प शिक्षित को ही जूठे नारों और उद्देश्यों से सरलता पूर्वक बहलाया जा सकता है |और बहलाया जाता है | जबकि शिक्षित युवा क्रांति नही , अपना भविष्य देखता है अपना और परिवार का विकास करना उसका उद्देश्य बन जाता है |
कश्मीर घाटी, नक्सल प्रभावित भूमि और उत्तर पूर्व राज्यों पर बनी बिकास एवं कल्याण योजनाओ पर अरबो रुपए पानी की तरह बहाने के बाद भी एन इलाकों मे उतना प्रभाव नही पड़ा जितना होना चाहिये था | अगर बहा के युवा समाज को रोजगार और शिक्षा के लिए भारत के अन्य भागो मे विशेष सुबिधा एवं प्रोत्सहान दीया जाये तो सांस्क्रतिक मिलन , रोजगार के सामान अबसर , निवास की सुविधा दी जाये एवं परस्पर अविश्वास का खात्मा करके उन्हें आगे बदने का मोका दिया जाये तो उन्हें मुख्य धारा और धरा से जोड़ा जा सकता है |और भारत को अखंड रखा जा सकता है |
समस्या प्रभावित इलाकों के साथ ही सम्पूर्ण देश मे टोटके के रूप मे बालिकायो की उच्च शिक्षा सुविधा के लिए सरकार को तुरंत प्रभावी योजनाये बनानी चाहिये |एवं सांस्क्रतिक प्रवास पर बल भी देना आवश्यक है | ताकि सबको , सब जगह अपना देश लगे |
उच्च शिक्षा का सकारात्मक प्रभाव देश के राजनितिक ढाचे पर भी पड़ना अभ्स्यभावी है और जब लोकतंत्र मे शिक्षा का प्रसार होंगा तो सारे अंग अपने आप अच्छा काम करेंगे !
शिक्षा मे जरुरी है एक समान पाठ्यक्रम एक देश एक सी शिक्षा होना आवश्यक है |साथ ही उच्च शिक्षा को निजी करण से दूर किया जाये क्युकी अब ये एक व्यापार बन गया है गुणबत्ता काम हो गयी है ! गरीबो से दूर हो गयी है |और प्रतिभाशाली छात्र अब भी बंचित ही है |
विषय विस्तृत होने के कारन मंच के प्रबुद्ध सहयोगियों से चर्चा की अपेक्षा है ………
मोलिक एवं प्रकाशित ........
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