For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मानवता का इतिहास ऐसे लोगों की कथाओं से भरा है जिन्होंने अपने अदम्य साहस के बल पर वो कर दिखाया जो मनुष्य की क्षमताओं से परे मालूम पड़ता था। ऐसी उनमें कौन सी विशेष शक्ति थी जिसके बल पर वो ऐसे कार्य कर सके। वह शक्ति है आत्मविश्वास की जिसने उन्हें ऊंचाईयों को छू लेने को प्रेरित किया। आत्मविश्वास के बल पर उन्होंने बड़े सपने देखे और उन्हें प्राप्त किया।

" महान कार्य करने के लिए हमें न सिर्फ बड़े लक्ष्य रखने चाहिए वरन उन पर विश्वाशस भी करना चाहिए।"

[ अनातोले फ्रांस]

आत्मविश्वास एक प्रेरक शक्ति जो हमें जीवन में आगे बढ़ने तथा कुछ कर दिखाने के लिए प्रोत्साहित करती है। कुछ कर दिखाने के लिए हमें मज़बूत शरीर की नहीं बल्कि मज़बूत इरादों की आवश्यता होती है। आत्मविश्वास ही हमारे इरादों को मज़बूत करता है। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है वह् कभी भी सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है। जो स्वयं पर विश्वास नहीं करता वो किसी भी वास्तु पर विश्वास नहीं कर सकता है।

" ब्रहमांड की समस्त शक्तियां हमारे भीतर समाहित हैं। ये हम ही हैं जो अपने नेत्रों को ढंक कर अँधेरे का रोना रोते हैं।" [स्वामी विवेकानंद]

ऐसा क्यों है की कुछ लोग तो कुछ भी प्राप्त कर सकने के योग्य होते हैं और कुछ लोग यह सोंचते कि वो अपने मन चाहे लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति सदैव सोंचते हैं कि कुछ कर सकने के लिए हमें असाधारण शक्तियां चाहिए। किन्तु आत्मविश्वास के बल पर साधारण लोग भी असाधारण कार्य कर सकते हैं।

हम सभी के भीतर वो शक्ति है जिसके बल पर हम असाधारण कार्य कर सकते हैं। आवश्यकता है अपने भीतर छिपी शक्ति को पहचानने की। हम सिर्फ भौतिक शरीर मात्र ही नहीं हैं। हमारा वास्तविक रूप है 'आत्मा' जो कि उस परम शक्ति 'परमात्मा' का अंश है। अतः हमारे भीतर ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियां निहित हैं। अतः हमें अपने भीतर ही उन्हें खोजना चाहिए न कि बाहरी वस्तुओं में।

समस्या तब आती है जब हम केंद्र बिंदु 'आत्मा' से दूर भटक जाते हैं। तब हम अपने वास्तविक स्वरुप को नहीं पहचान पाते हैं। अतः हमें अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानने का प्रयास करना चाहिए।

"हम वही हैं जो हम अपने विषय में सोंचते हैं।" यदि हम स्वयं को कमज़ोर तथा असहाय समझतें हैं तो हम कभी भी कुछ नहीं कर सकते है। किन्तु यदि हम स्वयं को शक्तिवान समझते हैं तथा स्वयं पर पर विश्वास करते है तो हमारे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

" एक विचार लो, उस विचार विचार को अपने जीवन में उतार लो, उसी के बारे में सोंचो, उसी का स्वप्न देखो और उसी के लिए जियो। अपने मस्तिष्क एवं शरीर की शिराओं में उसे भर लो अन्य सभी विचारों को छोड़ केवल इसी विचार का मनन करो। यही सफलता का मूल है। "

[स्वामी विवेकानंद]

जिस तरह राईट बंधुओं ने हवाई जहाज बनाने का विचार लिया और उसे बनाने के लिए अपना सर्वस्व उसमें झोंक दिया। अथक परिश्रम के बल पर उन्होंने अपना स्वप्न सच कर दिखाया। अतः अपने विचार को अपना जीवन समर्पित करें। उसके पूरा होने पर पूर्ण विश्वास रखें। आप अपने लक्ष्य को पा सकते हैं।

कभी भी यह न सोंचें कि आप दुर्बल हैं। स्वयं पर विश्वास रखें। यही विश्वास आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाएगा। आप ईश्वर की अनमोल कृति हैं। ईश्वर ने आपको सफल होने की समस्त शक्तियां प्रदान की हैं। स्वयं को कमज़ोर समझाना अनुचित है। अतः आत्मविश्वास विकसित करें।

" सफल होने के लिए आवश्यक है कि हम विश्वास रखें कि हम कर सकते हैं।"

[माईकल कोर्डा]

समाज का एक बड़ा वर्ग अन्धकार में जी रहा है। लोग गरीबी तथा बदहाली का जीवन जी रहे हैं। सदियों से शोषित इन लोगों में एक हीन भावना घर कर गयी है। अशिक्षा इसका एक मात्र कारण है। यदि इन लोगों में शिक्षा का प्रसार हो तो उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा। आत्मविश्वास के ज़रिये वो अपनी समस्याएं स्वयं सुलझा सकेंगे।

"आत्मविश्वास जगाईये क्योंकि आप ही स्वयं की मदद कर सकते हैं।"

Views: 1219

Replies to This Discussion

A book "The magic of thinking big" also on the same lines.  One must fix a goal and think again

and again to achieve the same (goal). If you do't think big, your goals and thereby your efforts to

achieve the goal would be limited. 

यदि मनुष्य किसी कार्य को करने की ठान ले और उसको कार्यरूप में परिणित करने के लिए आत्म विश्वास रख

प्रयत्न करे,(यह सोच कर कि मै यह कर सकता हूँ, और में यह करके रहूँगा, तो यह बात उसके sub-concious mind में

बैठ जावेगी |फिर दिन रात वह उसी दिशा में सोचेगा | हमारे शास्त्र इस बात को आत्मा में धारण कर,क्रियान्वित करने

की बात करते है | क्योकि 'आत्मा सो परमात्मा'अर्थात आत्मा में परमात्मा का वास है | इसी को स्वामी विवेकानंद ने

किसी बात को आत्मा में धारण कर उसपर विचार करने के लिये कहाँ है | अतः मूल बात आत्म-विश्वास की है -

" हिम्मतेमरदे मददे खुदा |

एक विचारणीय लेख के लिए हार्दिक बधाई श्री आशीष कुमार त्रिवेदी जी | इस प्रकार धनात्मक लेख से भावी पीढ़ी को

प्रोत्साहित करना आवश्यक है |  

 

धन्यवाद

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service