जे महाभारत मचल बा
बऽड़-बड़का खेत भइले..
आमजन के बात का ?
जजबात का ?
नस-धमनियन में
बहत माहुर
सभन के माथ से चुइ
बन पसीना
पोर-पोरे खात बा,
चल रहल बा
जुद्ध के हड़कंप जानीं रात-दिन, ऊऽ..
बेकहल हड़बोङ अस
उफिनात बा
पढ़ि-गुनत हम
मन-महाभारत
कहीं तऽ जान गइनीं
धैर्य-गरिमा
छूटि के भहरात बा !
जीउ बख्ससु रामजी
बलु एक मन पत्थर भइल, दोसर..
करेजा भाव से चट्टान बा..
धूर्त बेचत बा सपन खुल्लम अन्हरिये..
रोशनी का फेर में
साँसत फतिंगा-जान बा
चित्त में
नीसा भरल बा आदमी के
बम-धमाका
खून-खेला..
घात का ?
प्रतिघात का ?
घाव का हो..
भरि गइल बा ?
फाटि-फूटत बहि गइल बा..
के इहाँ बा
कान्ह धइ जे पूछ ली ?
कील ठोंकेला
चढ़ल रउदा कपारा..
जेठ के बिंडो, कहीं,
घुमिड़ात कतना बूझ ली !
ई हवा
मन-प्रान, तन, हुरपेट चिकरे-
रे कसाई ! .. भोगु धरती,
जीतु सगरे,
मात का ?
********
मौलिक आ अप्रकाशित
Tags:
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
Switch to the Mobile Optimized View
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |