For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विमल शर्मा 'विमल'
Share on Facebook MySpace
 

विमल शर्मा 'विमल''s Page

Latest Activity

विमल शर्मा 'विमल' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post महकता यौवन/ विमल शर्मा 'विमल'
"आदरणीय आशीष यादव जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका।"
May 31, 2020
आशीष यादव commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post महकता यौवन/ विमल शर्मा 'विमल'
"बहुत सुंदर, बहुत सुंदर।"
Dec 15, 2019
विमल शर्मा 'विमल' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post महकता यौवन/ विमल शर्मा 'विमल'
"आदाब आदरणीय समर कबीर साहब ...उत्साहवर्धन हेतु दिली शुक्रिया आपका।"
Dec 14, 2019
Samar kabeer commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post महकता यौवन/ विमल शर्मा 'विमल'
"जनाब विमल शर्मा 'विमल' जी आदाब, अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।"
Dec 13, 2019
विमल शर्मा 'विमल' posted blog posts
Dec 13, 2019
विमल शर्मा 'विमल' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post रंग हम ऐसा लगाने आ गये - विमल शर्मा 'विमल'
"आदरणी अग्रज लक्ष्मण धामी जी कोटिशः आभार एवं धन्यवाद"
Dec 11, 2019
विमल शर्मा 'विमल' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post थामूँ तोरी बाँहे गोरी / तिन्ना छंद
"आद० लक्ष्मण धामी जी ..हार्दिक आभार आपका"
Dec 9, 2019
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post थामूँ तोरी बाँहे गोरी / तिन्ना छंद
"आ. विमल जी, बेहतरीन रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।"
Nov 20, 2019
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post रंग हम ऐसा लगाने आ गये - विमल शर्मा 'विमल'
"आ. भाई विमल जी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।"
Nov 5, 2019
विमल शर्मा 'विमल' shared their blog post on Facebook
Oct 29, 2019
विमल शर्मा 'विमल' shared their blog post on Facebook
Oct 29, 2019
विमल शर्मा 'विमल' posted blog posts
Oct 29, 2019
विमल शर्मा 'विमल' commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post रंग हम ऐसा लगाने आ गये/एक गजल
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहब ।"
Oct 29, 2019
Samar kabeer commented on विमल शर्मा 'विमल''s blog post रंग हम ऐसा लगाने आ गये/एक गजल
"जनाब विमल शर्मा 'विमल' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें । 'प्रेम हम तुम पर लुटाने आ गये।आज फिर तुमको सताने आ गये' इस मतले के ऊला में 'तुम' और सानी में 'तुमको' शब्द उचित नहीं,बहतर होगा सानी…"
Oct 29, 2019
विमल शर्मा 'विमल' shared their blog post on Facebook
Oct 28, 2019
विमल शर्मा 'विमल' posted a blog post

रंग हम ऐसा लगाने आ गये - विमल शर्मा 'विमल'

प्रेम हम तुम पर लुटाने आ गये। आज फिर देखो सताने आ गये। चूम अधरों को तुम्हारे अब प्रिये, लालिमा इनकी बढ़ाने आ गये। लाज से हैं झुक रहे तेरे नयन, आज हम इनको लुभाने आ गये। देख यौवन की छटा मधुरिम शुभे, प्रेम रस में हम डुबाने आ गये। छूटता है जो नहीं प्रिय उम्र भर, रंग हम ऐसा लगाने आ गये। रूप से छलके सुरा जो मद भरी, आज हम पीने पिलाने आ गये। -विमल शर्मा 'विमल' स्वरचित एवं अप्रकाशितSee More
Oct 28, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
उत्तर प्रदेश
Native Place
सीतापुर
Profession
not
About me
मैं एक साहित्य सेवक हूँ

विमल शर्मा 'विमल''s Blog

महकता यौवन/ विमल शर्मा 'विमल'

उठे सरस मृदु गंध, महकता यौवन तेरा।

देख जिसे दिन रात ,डोलता है मन मेरा।

अधर मधुर मुस्कान, छलकती मय की प्याली।

चुभती बनकर शूल, चमकती तेरी बाली।

क्षण भर भी तुमसे दूर, नहीं अब रह पाऊँगा।

न तुम ऐसे शरमाओ, कसम से मर जाऊँगा।



गोरे गोरे गाल, दामिनी द्युति सम चमकें।

हृदय लगाती आग, अधखुली तेरी पलकें।

चंचल तेरा रूप, केश हैं उस पर उलझे।

करे ठिठोली आज, नहीं अब तुमसे सुलझे।

तेरे नैनों का वार, नहीं अब सह पाऊँगा।

न तुम ऐसे शरमाओ, कसम से मर…

Continue

Posted on December 11, 2019 at 6:00pm — 4 Comments

रंग हम ऐसा लगाने आ गये - विमल शर्मा 'विमल'

प्रेम हम तुम पर लुटाने आ गये।
आज फिर देखो सताने आ गये।

चूम अधरों को तुम्हारे अब प्रिये,
लालिमा इनकी बढ़ाने आ गये।

लाज से हैं झुक रहे तेरे नयन,
आज हम इनको लुभाने आ गये।

देख यौवन की छटा मधुरिम शुभे,
प्रेम रस में हम डुबाने आ गये।

छूटता है जो नहीं प्रिय उम्र भर,
रंग हम ऐसा लगाने आ गये।

रूप से छलके सुरा जो मद भरी,
आज हम पीने पिलाने आ गये।

-विमल शर्मा 'विमल'
स्वरचित एवं अप्रकाशित

Posted on October 28, 2019 at 11:00am — 4 Comments

थामूँ तोरी बाँहे गोरी / तिन्ना छंद

2 2 2 2

चोरी-चोरी।
ओ री छोरी।
थामूँ तोरी।
बाँहे गोरी।

जागे नैना।
पूरी रैना।
खोएँ चैना।
भूले बैना।

आजा चूमूँ।
थोड़ा झूमूँ।
सांसे घोलूँ।
तेरा होलूँ।

- विमल शर्मा 'विमल'
स्वरचित

Posted on October 16, 2019 at 12:59pm — 7 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service