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Richa Yadav
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Welcome, Richa Yadav "Riya"

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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"इस्लाह के बाद कुछ बदलाव-- है मतलबी ये कहाँ सोचेगी किसी के लिए नहीं करेगी ये सरकार जितना करना है 2 दिमाग़ मुझको ये समझा रहा है रख हिम्मत किसी भी हाल में हद से नहीं गुज़रना है 3 न दूसरों के लिए वक़्त को करो ज़ाए'तुम्हें जो चाहें बस…"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया रचना जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह लाज़वाब हुई है अमित जी , संचय जी की इस्लाह से ग़ज़ल और भी निखर जाएगी सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ही ज़बर्दस्त हुई है ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी से सहमत हूँ ये शेर और साफ़ हो सकता है, गिरह मतला ख़ूब हैं सादर "
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया रचना जी बहुत शुक्रिया आपका, हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका हमेशा की तरफ बारीक़ी से हर बात बताने के लिए एक मतले की कोशिश की है देखियेगा कृपया सादर किसी के दिल में अगर आपको उतरना है तो उससे पहले निगाहों को चार करना है"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"अदरणीय दिनेश जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की टिप्पणी से सीखने को भी मिला मुझे आपने भी सुधार खूब किए गिरह अच्छी लगी सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीर जी मेरी समझ जितनी है उस हिसाब से मुझे ये शेर दुरुस्त लगा सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह बहुत ही ख़ूब हुई। अमित जी की टिप्पणी से सहमत हूँ ,सीखने को मिलता है आप सब की कही बातों से सादर"
Friday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार कीजिये  अमित जी की टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर हैं और गिरह ज़बर्दस्त हो गयी है इस्लाह के बाद,देखियेगा सादर"
Friday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय सर जी नमस्कार अपना ख़याल रखिए, सेहतमंद रहिए यही दुआ है सादर"
Friday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"1212 1122 1212 22 किसान बैठे हैं कब से शुरू ये धरना है लड़ेंगे हक़ के लिए वो उन्हें न डरना है 1 है गूँगी बहरी नहीं सोचती किसी के लिए  करेगी उतना ही सरकार को जो करना है 2 सलीक़ा मुझको ये समझा रहा है रख हिम्मत  किसी भी हाल में हद से नहीं…"
Friday

Profile Information

Gender
Female
City State
Faridabad Haryana
Native Place
Alaahabad U.P.
Profession
home maker
About me
computer engineer by heart Shayar

Richa Yadav's Blog

ग़ज़ल-हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती।

221 2121 1221 212



हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती

करके कोई दुआ भी यूँ गाई नहीं जाती।1

दिल आपकेे है बस में ये अब जानते हैं हम

जादूगरी ऐसी भी दिखाई नहीं जाती।2

हैं दर्द-ओ-ग़म भरे हुए इतने कि क्या कहें

ये दास्तान दिल की सुनाई नहीं जाती।3

ये बदगुमानी आपकी आई है बीच में

बिगड़ी है इतनी बात बनाई नहीं जाती।4

फिर साथ होगी होली दीवाली की धूम भी

हमसे अकेले ईद मनाई नहीं जाती।5

दिल आपका दुखा तो…

Continue

Posted on December 7, 2020 at 1:29pm — 4 Comments

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

बह्र:- 221 2121 1221 212

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

मुद्दत हुई तो यार का दीदार हो गया

वो जो चला गया है मेरा शह्र छोड़ कर

लगता है ऐसा मुझको मैं बीमार हो गया

बेमोल ही रहे न किया ज़िंदगी से ग़म

तूने छुआ मुझे तो मैं दीनार हो गया

था मर्ज़ ऐसा जिसकी नहीं थी दवा कोई

तू हाथ थाम कर मेरा तीमार हो गया

तूने गले लगाया "रिया" को मेरे ख़ुदा

लगता है जैसे क़द मेरा मीनार हो गया

"मौलिक व…

Continue

Posted on October 30, 2020 at 3:30pm — 10 Comments

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"//आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
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"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया रचना जी, 8 सुधार बहर में नहीं है। यूँ कर सकते हैं.....  "बदल दो तुम नज़रीये ख़याल…"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"1212 1122 1212 22 "बदल दो तुम नज़रिये ख़्यालात अपने सभी".... ये मिसरा बेबह्र…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा है। सुझाव के बाद यह और अच्छी हुई है। हार्दिक बधाई।"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और दाद-ओ-तहसीन से नवाज़ने के लिए तह-ए-दिल से…"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"कोई चीज़ नहीं करते हैं, साथ ही मेरा यह भी मानना है कि आश्वस्त होने के लिए 100 प्रतिशत आश्वस्त होना…"
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