For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sahil verma
  • Male
  • India
Share on Facebook MySpace

Sahil verma's Friends

  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • मिथिलेश वामनकर
 

Sahil verma's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
HARDOI
Native Place
pihani
Profession
student

''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''चेहरे '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''

'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
गिरगिट का रंग का पहचानना.......
बिलकुल कठिन नहीं.....................
समंदर की गहरे नापना ...............
उसकी हलचल जान पाना ............
बड़ा ही सरल है यह सब................
                           बादलों की रंगत को...........................
                           उठने वाले तूफ़ान को.........................
                           आकलन कर लेना भी सरल है.............
                           पर कठिन है तो ...............................
                           किसी के चेहरे को पहचान पाना...........
   उसे पढ़ पाना...............
   उसे जान पाना.............
   खुद में समां पाना.........
   उसे समझ पाना...........
   सबसे मुश्किल है...........
                                   चेहरे की हकीकत.से रूबरू हो पाना.......
                                   मुमकिन ही नहीं कभी........................
                                   उन पर विश्वास कर पाना...................
                                   जो बयां करते हैं
                                   रेगिस्तानी रेत की तरह
                                   कड़ी धूप में असहाय...........................
                                   खुलती बंद होती आँखों की तरह...........
                                   चेहरे की असलियत जान पाना.............
                                   असम्भव ही लगता है..........................
नव अंकुरित बीजों की तरह.......
कितना कुछ अपने अंदर...........
छिपा कर रखते हैं....................
अपनों से................................
दूसरों से.................................
यंह तक खुद से भी.................
                                      हंस कर बात करना.............
                                      आंसू बहाना........................
                                      सब कुछ बनावटी है.............
                                      मन की बात ......................
                                      भला कब ये सामने लाते हैं....
                                      सब खुद में ही तो रखते हैं.....
   चेहरे पे कभी विश्वास न करो.....
   बातों पे कभी यकीन न करो........
                                  ''साहिल वर्मा''
                             सा॰वि॰ विज्ञान संकाय,
                                   बी॰एच॰यू॰
                                  8009415280
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Sahil verma's Blog

चेहरे

'''''''''''''''''चेहरे '''''''''''''''

गिरगिट का रंग का पहचानना.......

बिलकुल कठिन नहीं.....................

समंदर की गहरे नापना ...............

उसकी हलचल जान पाना ............

बड़ा ही सरल है यह सब................

बादलों की रंगत को...........................

उठने वाले तूफ़ान को.........................

आकलन कर लेना भी सरल है.............

पर कठिन है तो

किसी के चेहरे को पहचान पाना...........

उसे पढ़ पाना...............

उसे जान… Continue

Posted on May 23, 2015 at 11:40pm — 2 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:57pm on May 23, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

पुनः स्वागत अभिनन्दन के साथ कुछ महत्वपूर्ण 

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए

 ग़ज़ल की कक्षा 

 ग़ज़ल की बातें 

 

भारतीय छंद विधान से सम्बंधित जानकारी  यहाँ उपलब्ध है

|

|

|

|

|

|

|

|

आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट कर सकते है.

और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें.

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

 

ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सव, छंदोत्सव, तरही मुशायरा व लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

At 9:06pm on May 2, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…
आपका ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में हार्दिक स्वागत है।
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service