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Satish Agnihotri
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Satish Agnihotri's Blog

चट्टान

राह में पड़ी चट्टान ,
चढ़कर पार करूँ,या
इसे हटाकर नयी राह,
नया दस्तूर बना दूँ,
दोनी ही विकल्प,
खड़े सामने .......
...........................................
भविष्य की चिंता छोड़ ,
इतिहास बनाने हम .....
चले वर्तमान का ..
दामन थामने...
और जब चट्टान
हटा दी राह से ,
इतिहास पीछे खड़ा ,
सराह रहा था ..और
भविष्य सामने खड़ा
मुस्कुरा रहा था......!!!!!

रचनाकार -सतीश अग्निहोत्री

Posted on September 24, 2012 at 10:30pm — 11 Comments

तीसरी दुनिया !!! -सतीश अग्निहोत्री

उस दुनिया के लोग ..

इस दुनिया में .

चंद हैं …..

हाँ यह तीसरी दुनिया …

मुझे पसंद हैं ..

हाँ मुझे पसंद हैं ..

वो तमाम उन्मुक्त

अनंत उड़न ..जिसका ..

न कोई सानी…

न कोई …पहचान ..

...भावनाओ का उफान ,

कल्पनाओ का जहाँ ..

जीवंत जीवन ..की चाह..

कभी न ले सके …

कोई जिसकी थाह …

वो आदि अनंत …

देख सके जिसे हर संत ..

वो अविरल प्रवाह ..

वो आनंद का जहाँ ..

वो स्पन्दंमय वाणी…

Continue

Posted on September 20, 2012 at 8:59pm — 12 Comments

दरख्त

जीवन की थकान ,लम्बी राह

और वो छोटी छोटी सी पगडंडियाँ ,

जो पहले से नहीं बनी थी

मुझे राह दिखने ..

मेरे थके हुए पैरो ने ..

बना ली थी .उस मंजिल

की चाह में जो अंतहीन थी

वो तपती धूप और

पैरो के छाले..

टीस नहीं उठती यह सोचकर ...

हाँ टीस उठती है ,की

वो दरख्त देखता रहा , जड़ वहीँ

और मेहरूम  रहा….. मै भी

उसकी छाव से …..

मुसाफिर हूँ यही सोचकर

रचनाकार -सतीश…

Continue

Posted on September 15, 2012 at 9:00pm — 6 Comments

Comment Wall (2 comments)

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At 2:19am on May 9, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें !

At 10:58pm on September 22, 2012, Gul Sarika Thakur said…

dhanyawaad Satish jee.. 

 
 
 

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