''माँ भैया का अंतरजातीय विवाह तो आपने आसानी से स्वीकार कर लिया था फिर मेरे अंतरजातीय विवाह के लिए इंकार क्यों कर रही हो.'' छोटे बेटे ने माँ से बहस करते हुए कहा.
माँ ने कहा, "उसने तो हमसे उच्च वर्ग की लड़की पसंद की थी पर तुम्हारी पसंद तो हम से नीची जाति की है. नीची जाति की लड़की हम कैसे स्वीकार कर सकते हैं."
-श्रद्धा थवाईत
मौलिक एवं अप्रकाशित
Posted on January 5, 2015 at 4:24pm — 8 Comments
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"मौलिक व…
Posted on December 8, 2014 at 3:30pm — 11 Comments
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Comment Wall (1 comment)
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सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
आ. Shraddha Thawait जी, आपको ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें