For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

asha deshmukh
Share on Facebook MySpace
 

asha deshmukh's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
chattisgarh
Native Place
durg
Profession
housewife
About me
like to write poems

asha deshmukh's Photos

  • Add Photos
  • View All

Asha deshmukh's Blog

प्रस्तावित है कुछ खुशियाँ - गीत

स्तावित खुशियाँ

प्रस्तावित है कुछ खुशियाँ

कुछ सपनों का अनुबंध

दीवारों ने कब देखी है

नील गगन की क्यारी

सोच रही है तन्हाई

कब जायेगी लाचारी

हिम्मत के जब पाँव बढ़े

दानों का हुआ प्रबंध

अरमानों की किस्मत में

क्यों होता कहर जरूरी

समझोते की भठ्ठी में

करता है मौन मजूरी

स्वीकारा प्रतिक्षण ऋतू ने

परिवर्तन से सम्बन्ध

बजते बजते सरगम की

सब टूट…

Continue

Posted on June 1, 2016 at 11:00am — 6 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:21am on June 1, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका अभिनन्दन है.

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए

 ग़ज़ल की कक्षा 

 ग़ज़ल की बातें 

 

भारतीय छंद विधान से सम्बंधित जानकारी  यहाँ उपलब्ध है

|

|

|

|

|

|

|

|

आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट (क्लिक करें) कर सकते है.

और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें.

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

 

ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सवछंदोत्सवतरही मुशायरा व  लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"जनाब, Gajendra shotriya, आ.' 'मुसाफिर ' साहब को प्रेषित मेरा प्रत्युत्तर आप, कृपया,…"
45 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मुसाफिर' साहब मैं आप की टिप्पणी से सहमत  नहीं हूँ। मेरी ग़ज़ल के सभी शे'र …"
55 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सादर अभिवादन। मुशाइरे में सहभागिता के लिए बहुत बधाई। प्रस्तुत ग़ज़ल के लगभग…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय महेन्द्र जी। थोड़ा समय देकर  सभी शेरों को और संवारा जा सकता है। "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। यह गजल इस बार के मिसरे पर नहीं है। आपकी तरह पहले दिन मैंने भी अपकी ही तरह…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल कुछ शेर अच्छे हुए हैं लेकिन अधिकांश अभी समय चाहते हैं। हार्दिक…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई महेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

आंचलिक साहित्य

यहाँ पर आंचलिक साहित्य की रचनाओं को लिखा जा सकता है |See More
6 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया इस जगमगाती शह्र की हर शाम है…"
7 hours ago
Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
7 hours ago
Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service