For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

savita agarwal
Share on Facebook MySpace

savita agarwal's Groups

 

savita agarwal's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
bikaner rajasthan
Native Place
kanpur
Profession
artist
About me
जो अर्थो को पाते है ,वो शब्द बन बिखर जाते है , खुशबु से ज्ञान की ,जीवन बगिया महकाते है |...

Savita agarwal's Blog

मीठी सी एक मनुहार................

पारदर्शी शीशो पर

लगा दी काली चादर

अब बाहर वाले

नही देख सकते

 भीतर का हाल

ठीक उसी तरह

जैसे तुमने

अपने चेहरे की

अतुलनीय मुस्कराहट से

बंद कर दिए

भीतर के सभी किवाड़

जो आया जितना आया

सब डालती जा रही हो

अब डर सा

लग रहा हैं मुझे

खिडकियों की

काली  चादर

कुरच रही हैं

हवा बाहर  की

ओर मुझे

दिखाई दे रही हैं

एक रौशनी सी

जो सब बहा ले जाएगी

अबकी जो ये कमरा

खाली  हो जाये तो

बंद मत…

Continue

Posted on October 18, 2013 at 9:30pm — 13 Comments

विचारो का बीज.............

हाथ में कुछ बीज

यूँ ही ले के कागजो

पे बोने आ गयी हूँ

विचारो के बीज

सबको कहाँ मिलते हैं

मुझे भी बस एक ही मिला

एक बाग़ लगाना है

इसलिए मुट्ठी

कस कर बंद हैं

इस बीज को वृक्ष

वृक्ष से फिर बीज

इसी तरह

तो लगेगा बाग़

माली ने बताया था

माली वो जो

सबके भीतर हैं

मुझे मिला था

एक रोज जब

उसी ने दिया था

 ये एक बीज

''विचारो का बीज ''

"मौलिक व…

Continue

Posted on October 16, 2013 at 8:30pm — 15 Comments

चोका..................

चाँद जो आया
रात के आँगन में
तारे चमके
चांदनी की गोद में
ठंडी सी हवा
मन को लहराए
ख्वाबो  के साये
नींदों को हैं जगाये
सोच रही हूँ
ख़ामोशी इतनी क्यों
मीठी सी लागे
जो  गीत धरा गाये
रात गुदगुदाए .........सविता अगरवाल 

Posted on October 8, 2013 at 2:21pm — 9 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:47am on June 30, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…
आपको ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकमनाएं
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service