चीखती हैं सरहदें और जागते जवान हैं|
रक्त से शहीदों के अब लाल आसमान है||
शहीद होते पूतों की माताएँ सिसक रही|
बिछुड़ के अपने पति से पत्नियाँ बिलख रही||
पित्रहीन बच्चों का भी चेहरा रंगहीन है|
परिवार था खुश कभी आज दीनहीन है||
मुआवजे की भीख दे नेता जी उबर लिए|
चेतावनी जो बदले की उससे वो मुकर लिए||
सो रहे नेताओं से मेरा एक सवाल है|
जो काटे सिर हेमराज का किसलिए मेहमान है||
सर के बदले सर…
ContinueAdded by Harish Upreti "Karan" on June 26, 2013 at 11:43pm — 14 Comments
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