For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भारत है मेरा देश

भारत है मेरा देश इस पे  जान मैं दूंगा|

हुवा जो इसपे वार सीना तान मैं दूंगा||

 

खाया है इसका अन्न फिर हक भी हम देंगे|

इसकी बचाने लाज को हम जान भी देंगे||

 

आया जो शत्रु सामने उसे चीर हम देंगे|

यही मुल्क है हमारा ये पहचान हम देंगे||

 

ये हिन्द वतन मेरा मैं हूँ हिन्द का वासी|

है उर्दू मेरे दिल में और मैं हिंदी का भाषी||

 

ओ अम्न के दुश्मन अरे गद्दार तू सुन ले|

कहता जो खुद को पाक ओ नापाक तू सुन ले||

 

ये धरती हमारी इसे नापाक न करना|

आतंक की तू अपनी कोई चल न चलना||

 

तू देखता जो ख्वाब सच वो ख्वाब न होगा|

बनाया  एक  बांग्ला  अब  दूजा  भी  होगा||

 

गर ठान ली जो हमने तुझे जीने नही देंगे|

तुझे विश्व के नक़्शे में भी हम रहने न देंगे||

 

 

   मौलिक व् अप्रकाशित

   हरीश उप्रेती "करन"

 

Views: 617

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Harish Upreti "Karan" on July 4, 2013 at 2:57pm

धन्यवाद आदरणीय वीनस केसरी जी..........

Comment by वीनस केसरी on July 3, 2013 at 11:14pm

वाह !!!

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

Comment by Harish Upreti "Karan" on July 3, 2013 at 10:26pm

धन्यवाद आदरणीय ब्रजेश जी...

Comment by बृजेश नीरज on July 3, 2013 at 9:40pm

अच्छी कविता है आदरणीय! बहुत बधाई!

Comment by Sumit Naithani on July 3, 2013 at 3:08pm

desh ko samarpit sunder rachna


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 3, 2013 at 9:32am

देशभक्ति का जज्बा...बहुत सुन्दर 

शुभकामनाएं 

Comment by ram shiromani pathak on July 2, 2013 at 9:26pm

बहुत सुन्दर प्रस्तुति भाई हरीश जी प्रयासरत रहें आप और भी अच्छा लिख सकते है //हार्दिक बधाई 

Comment by Harish Upreti "Karan" on July 2, 2013 at 6:37pm

बहुत बहुत शुक्रिया pragya ji.......

Comment by Harish Upreti "Karan" on July 2, 2013 at 6:37pm

धन्यवाद आदरणीय जीतेन्द्र जी....

Comment by Pragya Srivastava on July 2, 2013 at 5:19pm

देश को नमन........................देश भक्ति की सुंदर रचना के लिए बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
13 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service