नजारा पहाड़ों का क्या हो गया ये |
गावों का देखो निशाँ खो गया है||
जो मुझको थे प्यारे कहाँ खो गये वो|
अभी तक थे जागे कहाँ सो गये वो||
मौतों का थमता न क्यों सिलसिला है|
ये देवों की भूमि में क्यों जलजला है||
जहाँ कल तक था जीवन अब मृत्यु खड़ी है|
जिधर जाती नजरें बस लाशें पड़ी हैं||
ये मानव की करनी कहाँ लेके आई|
अपनी ख़ुशी को ये दुनिया मिटाई||
पहाड़ों से चीखे बेबस जिंदगी …
ContinueAdded by Harish Upreti "Karan" on July 2, 2013 at 11:05pm — 12 Comments
भारत है मेरा देश इस पे जान मैं दूंगा|
हुवा जो इसपे वार सीना तान मैं दूंगा||
खाया है इसका अन्न फिर हक भी हम देंगे|
इसकी बचाने लाज को हम जान भी देंगे||
आया जो शत्रु सामने उसे चीर हम देंगे|
यही मुल्क है हमारा ये पहचान हम देंगे||
ये हिन्द वतन मेरा मैं हूँ हिन्द का वासी|
है उर्दू मेरे दिल में और मैं हिंदी का भाषी||
ओ अम्न के दुश्मन अरे गद्दार तू सुन ले|
कहता जो खुद को पाक ओ नापाक तू सुन…
ContinueAdded by Harish Upreti "Karan" on July 2, 2013 at 12:03am — 17 Comments
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