Added by amod shrivastav (bindouri) on September 21, 2015 at 3:08pm — No Comments
Added by amod shrivastav (bindouri) on September 17, 2015 at 11:22pm — 22 Comments
Added by amod shrivastav (bindouri) on September 15, 2015 at 5:13pm — 14 Comments
बहर-
212/212/212/212
हम है राही मुहब्बत बताया न कर
प्यार हैरत सें ऐसे जताया न कर
आँख बह जाने दे देख बस तू ह्रदय
भीग जाये जो दामन सुखाया न कर
जिंदगी की राह पर साथ आ हमसफ़र
पास रह के तू दूरी बनाया न कर
क़त्ल करना है तो क़त्ल कर दे मुझे
धार चाकू दिखा कर डराया न कर
जानता हूँ तू वैद्यो के घर से जुडी
दोस्ती में मेरी जखम खाया न कर
प्यार मजहब कभी भी नही देखता
यार मजहब की भाषा सिखाया…
Added by amod shrivastav (bindouri) on September 14, 2015 at 11:30am — 6 Comments
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