For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Amod shrivastav (bindouri)'s Blog – September 2015 Archive (4)

हाइकू

1-अंध विस्वास
चलो ख़त्म कर दे
एक होकर..

2- निभा रहा हूँ
प्रेमी जीवन रीत
साथ तुम्हारे---

3-वाह रे वाह
सब सुख मिलगा
मिली जो खाट---


4-शरद की रात
रजाई मेरे साथ
औ टूटी खाट

5-अहंकार है
अजब धरोहर
मानुष मन

मौलिक/अप्रकाशित
----आमोद बिन्दौरी

Added by amod shrivastav (bindouri) on September 21, 2015 at 3:08pm — No Comments

लुटा हाला गया मुझ पर...गजल

बहर

1222/1222/1222/1222



अचानक आज ये कैसा ज़ुल्म पहरा गया मुझ पर।

सितम इतने कहा से वो लेकर ढा गया मुझ पर।।



न बारिश है न सावन है हवा का भी नही झोंका।

ये कैसे गम के बादल हैं कहा से छा गया मुझ पर।।



चलो अब चाँद तारों तुम मेरी हालत पे हँस भी लो।

तुम्हे अच्छा स मौका है अमावस आ गया मुझ पर।।



इजाजत दे गए अपने चिरागों घर जलाने की।

जला दो उनकी यादें जो चुभा भाला गया मुझ पर।।



लगे है जख्मकुछ ऐसे दुआ का भी असर न हो।

के वो… Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on September 17, 2015 at 11:22pm — 22 Comments

जो भी मलाल रखते है

बहर- 2122/1212 /22

(मन में जोभी मलाल रखते हैं)

जिंदगी जो मलाल रखते है

वो नही जो खयाल रखते है



वास्ता हि नही रहा उनका

बस खयाली पुआल रखते हैं



मौत से वो रहा डरा ही है

जो भि डर मन में पाल रखते हैं



हार जो भी गया हंसी पल है

बाद चाले सभाल रखते है



इश्क में ठोकरें लगी जिनको

प्यार वो बेमिसाल रखते है



धर्म समझा कभी नही वो है

मजहबी जो दीवाल रखते हैं



बात प्यारी हसीन होठों पर

प्यार में वो मिसाल रखते… Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on September 15, 2015 at 5:13pm — 14 Comments

हम है राही मुहब्बत

बहर-

212/212/212/212



हम है राही मुहब्बत बताया न कर

प्यार हैरत सें ऐसे जताया न कर

आँख बह जाने दे देख बस तू ह्रदय

भीग जाये जो दामन सुखाया न कर

जिंदगी की राह पर साथ आ हमसफ़र

पास रह के तू दूरी बनाया न कर

क़त्ल करना है तो क़त्ल कर दे मुझे

धार चाकू दिखा कर डराया न कर

जानता हूँ तू वैद्यो के घर से जुडी

दोस्ती में मेरी जखम खाया न कर

प्यार मजहब कभी भी नही देखता

यार मजहब की भाषा सिखाया…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on September 14, 2015 at 11:30am — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"सादर अभिवादन तुम्हारी ख़्वाहिशों से याद आया हमें कुछ तितलियों से याद आया मैं वो सब भूल जाना चाहता…"
5 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service