“रेहाना’i बहुत खुश दिख रहा था आनंद “आज रात के ग़ज़ल की कंसर्ट के दो टिकटों का इंतजाम कर लिया है मैंनेI बहुत पीछे की सीटें हैं, पर मिल गए ये ही क्या कम है I”
“मुबारक हो” रेहाना धीरे से बोली I
“अरे इतनी दूर ऑस्ट्रेलिया में अपने इतने जाने माने लोगों के ग़ज़ल ,गाने सुनने को मिलेंगे I तुम खुश नहीं हो i” आनंद चिढ कर बोला I
“हाँ नहीं हूँ खुश और मै जाऊंगी भी नहीं “ रेहाना उठने लगी I
“पाकिस्तानी हैं इसलिए ?” आनंद ने उसका हाथ पकड़ लिया “ तुम इतनी पढ़ी लिखी हो, यहाँ …
ContinueAdded by Pradeep kumar pandey on October 7, 2016 at 3:00pm — 2 Comments
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