Added by Afroz 'sahr' on October 17, 2017 at 7:30pm — 10 Comments
212/212/212/212
याद तुमने किया हिचकियाँ आगईं
दिल की तस्कीन को बदलियाँ आगईं।
ज़ेर ए तामीर था ये नशेमन मेंरा
फू़ंकने को इसे बिजलियाँ आगईं।
तू नहीं आसका हाल तेरा मगर
लेके अख़बार की सुर्ख़ियाँ आगईं।
जब तड़प कर गुलों ने पुकारा उन्हें
लब हसीं चूमने तितलियाँ आ गईं।
गर्म साँसों की औढ़ा दो मुझको रिदा
लौट कर फिर वो ही सर्दियाँ आ गईं।
चाह दिल में तेरे वस्ल की जब जगी
लम्स तेरा लिये चिट्ठियाँ आ गईं।…
Added by Afroz 'sahr' on October 11, 2017 at 5:30pm — 7 Comments
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