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दफ़अतन जो निकल गए आँसू।
सारे मंज़र बदल गए आँसू।।
लाख की कोशिशें छुपाने की।
राज़ दिल का उगल गए आँसू।।
इक ख़ुशी ने मुझे पुकारा है।
ये ख़बर सुन के जल गए आँसू।।
ख़ुश्क दामन तुझे बताऊँ क्या।
वो सबब जो सँभल गए आँसू।।
इत्तिफ़ाकन ही ख़ुश्क थीं पलकें।
इंतिकामन मचल गए आँसू।।
इक तबस्सुम जो आगया लब पर।
मारे ग़म के पिघल गए आँसू।।
कौन सा पल…
ContinueAdded by Afroz 'sahr' on December 24, 2017 at 11:00am — 11 Comments
Added by Afroz 'sahr' on December 4, 2017 at 1:36pm — 20 Comments
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