प्यारे दोस्तो "दैनिक जागरण" ने "मेरा शहर मेरा गीत" आयोजन हेतु मेरा यानि कि आपके दोस्त सुमित प्रताप सिंह का गीत "कुछ ख़ास है मेरी दिल्ली में" का शीर्ष 3 स्थान (TOP 3) पर चयन किया है| इस गीत को प्रथम स्थान पर चयन हेतु SMS वोटिंग प्रक्रिया से गुजरना है| आपसे निवेदन है कि कृपया मेरे इस गीत को प्रथम स्थान दिलाने हेतु वोट…
ContinueAdded by SUMIT PRATAP SINGH on December 5, 2011 at 11:00am — No Comments
पढ़ते-२ गौरव अचानक ही दीप्ति से बोला, "दीदी आपका घर कितना बड़ा और सुन्दर है. हमारी झुग्गी तो बहुत छोटी है और वो तो इतनी सुन्दर भी नहीं है." दीप्ति ने गौरव को समझाते हुए कहा, "गौरव एक दिन तुम्हारा घर भी ऐसा ही होगा." "पर दीदी हमारा घर ऐसा कैसे होगा जबकि मेरे माँ-बाप तो बहुत गरीब हैं. वो तो आप हम गरीब बच्चों को मुफ्त में ट्यूशन पढ़ा देती हैं वर्ना हमें तो कोई अपने आस-पास भी नहीं फटकने देता." गौरव दुखी हो दीप्ति से बोला. दीप्ति ने प्यार से गौरव के सर पर हाथ फिराते हुए…
ContinueAdded by SUMIT PRATAP SINGH on December 1, 2011 at 10:30am — 3 Comments
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