“रेहाना’i बहुत खुश दिख रहा था आनंद “आज रात के ग़ज़ल की कंसर्ट के दो टिकटों का इंतजाम कर लिया है मैंनेI बहुत पीछे की सीटें हैं, पर मिल गए ये ही क्या कम है I”
“मुबारक हो” रेहाना धीरे से बोली I
“अरे इतनी दूर ऑस्ट्रेलिया में अपने इतने जाने माने लोगों के ग़ज़ल ,गाने सुनने को मिलेंगे I तुम खुश नहीं हो i” आनंद चिढ कर बोला I
“हाँ नहीं हूँ खुश और मै जाऊंगी भी नहीं “ रेहाना उठने लगी I
“पाकिस्तानी हैं इसलिए ?” आनंद ने उसका हाथ पकड़ लिया “ तुम इतनी पढ़ी लिखी हो, यहाँ …
ContinueAdded by Pradeep kumar pandey on October 7, 2016 at 3:00pm — 2 Comments
“ऑफिस के लिए देर नहीं हो रही ?यहीं बैठे है आप अभी तक i
“वो बाहर बाबूजी बैठे हैं ना ,फिर पूछेंगे कि अशोक का फ़ौज से कागज़ आया कि नहीं I”
“आप साफ़ कह क्यों नहीं देते कि नहीं भेजना हमें अपने बेटे को फ़ौज में I कागज़ आ गया और हमने फाड़ कर फेंक भी दिया I”
“साफ़ कहने की हिम्मत ही तो नहीं कर पा रहा हूँ सविता i बहुत प्यार करते हैं अशोक को , फ़ौज में ऑफिसर देखना चाहते हैं उसे”I
“इन्हें क्या मिला फ़ौज से ? टूटी टांग ,बैसाखियाँ और थोड़ी सी पेंशन.. बस i”
“जानता हूँ ,पर बहस…
ContinueAdded by Pradeep kumar pandey on July 25, 2016 at 10:35am — 3 Comments
अपने बंगले के बगीचे की दीवार के पास जमा भीड़ देखकर उसने गाड़ी रोक दी I
" क्या हुआ "? बाहर निकल उसने पूछा I
"कोई भिखारी मर गया "I
" कैसे ?"
" कैसे क्या साहब ,ठण्ड से अकड़ कर I पिछले कुछ दिनों से यहीं पड़ा रहता था दीवार के पास I"
गाड़ी में बैठते उसे लगा ,उसका सारा शरीर ठण्ड से जमा जा रहा है I चार दिन पहले पत्नी ने कहा था कि पुराने गर्म कपडे कम्बल काफी जमा हो गए हैं , कहीं दान करने चलना है I और फिर बात आई गयी हो गयी थी I
" अरे, अब क्या चद्दर डाल रहे हो…
ContinueAdded by Pradeep kumar pandey on February 3, 2016 at 6:18pm — 7 Comments
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