तुम शब्द हो
और मैं अर्थ
तुम हो तो मैं हुं
शब्द बिन अर्थ बेकार
निशब्द संसार
तुम प्रीत हो
और मैं जोगन…
ContinueAdded by जयति जैन "नूतन" on December 1, 2017 at 7:30pm — 3 Comments
Added by जयति जैन "नूतन" on November 26, 2017 at 2:30pm — 2 Comments
Added by जयति जैन "नूतन" on October 27, 2017 at 11:39pm — 1 Comment
बाहर हैं तो अभी सीधा घर जाइये
घर जाकर टी.वी. में आग लगाइये
सभी जाति -धर्म के लोग दिखाई देगें
फिल्म - सीरियल पर नजर दौड़ाइये
बच्चों को उस स्कूल में डालिये
जहां आपकी जाति के शिक्षक होने चाहिये
सामान हर दुकान से मत खरीदिये
दुकान भी आपकी जाति धर्म की होनी चाहिए
किस धर्म के आदमी ने बनाया है ये सामान ?
अपनी जाति के दुकानदार से पुछवाईये
आप सेकुलर नहीं जो किसी के भी हाथ का खालें
इसलिए कुछ दिन…
Added by जयति जैन "नूतन" on October 23, 2017 at 11:00pm — 9 Comments
इतने साल बीत गये
ना वो बदली जरा ना मैं !
आज भी उसे नहीं पसंद
मेरा किसी और से बात करना !
मुझे भी आजतक नहीं भाया
उसका किसी को देख मुस्काना !
उसे अच्छा नहीं लगता जब
मेरा ध्यान उससे हट जाना !
मुझे पसंद नहीं आता उसका
मुझे छोड़ टी.वी. तक देखना !
वो कहती है सुनो प्रिय
मैं सामने हुं तो मुझे ही देखो !
मुझे भाता है उसे चिडाना
दूसरों को देख देख मुस्काना !
उसे पसंद तक नहीं मेरा चश्मा
मेरी आंखों पर हमेशा रहता…
Added by जयति जैन "नूतन" on October 5, 2017 at 4:00pm — 5 Comments
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