For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भजन : एकदन्त गजवदन विनायक ..... संजीव 'सलिल'

भजन :

एकदन्त गजवदन विनायक .....

संजीव 'सलिल'
*
*
एकदन्त गजवदन विनायक, वन्दन बारम्बार.
तिमिर हरो प्रभु!, दो उजास शुभ, विनय करो स्वीकार..
*
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!
रिद्धि-सिद्धि का पूजनकर, जन-जीवन सफल बनाओ रे!...
*
प्रभु गणपति हैं विघ्न-विनाशक,
बुद्धिप्रदाता शुभ फलदायक.
कंकर को शंकर कर देते-
वर देते जो जिसके लायक.
भक्ति-शक्ति वर, मुक्ति-युक्ति-पथ-पर पग धर तर जाओ रे!...
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
*
अशुभ-अमंगल तिमिर प्रहारक,
अजर, अमर, अक्षर-उद्धारक.
अचल, अटल, यश अमल-विमल दो-
हे कण-कण के सर्जक-तारक.
भक्ति-भाव से प्रभु-दर्शन कर, जीवन सफल बनाओ रे!
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
*
संयम-शांति-धैर्य के सागर,
गणनायक शुभ-सद्गुण आगर.
दिव्य-दृष्टि, मुद मग्न, गजवदन-
पूज रहे सुर, नर, मुनि, नागर.
सलिल-साधना सफल-सुफल दे, प्रभु से यही मनाओ रे.
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
******************
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम

Views: 395

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on September 12, 2010 at 8:07am
salil ji pranaam.
fir bhagwaan ganesh ke charano me shubh wandan.
bahut hi manbhaawak rachana bhagwaan ke liye kahi hai aapne. bahut achchha laga. sundar shabdo se susajjit,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 11, 2010 at 1:04pm
जय हो भगवन गणेश की .............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Aazi जी, हौसला-अफ़ज़ाई का बहुत आभार।  सादर।"
17 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Balram जी, दाद और हौसला देने का बहुत आभार आपका। सादर।"
18 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. मिथिलेश जी, ज़र्रा-नवाज़ी का बहुत शुक्रिया। सादर।"
18 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Richa जी, ग़ज़ल पर दाद देने के लिए बहुत आभार आपका। सादर।"
20 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. लक्ष्मण जी, हौसला देने का बहुत आभार आपका। सादर।"
21 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Amit जी, इस शे'र ने अच्छा-ख़ासा दिमाग़ घुमाया है, और बहतर करने का प्रयास…"
23 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Dayaram जी, अच्छी प्रयास रहा। बधाई स्वीकारें। सादर।"
28 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Chetan जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकारें। सादर।"
30 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. Richa जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकारें। सादर।"
32 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. दिनेश जी, अच्छी कोशिश रही ग़ज़ल की। बधाई स्वीकारें। आ. अमित जी की टिप्पणी का संज्ञान लें। सादर।"
37 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। बोनस अशआर भी अच्छे हैं। बधाई स्वीकारें। सादर।"
41 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. अमीरुद्दीन जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकारें। "तंग" के मात्रा पतन में मुझे भी संशय…"
52 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service