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यादें

भूली बिसरी यादें ,

कुछ मिट गयी कुछ है अमिट,

एक पल मिल जाये तो संजो लूँ इन्हें ,

कुछ खुबसूरत

कुछ दर्द छेडती,

लबो पे मुस्कान सजाती यादें ,

जख्मो को उघाडती यादें ,

मन के किसी कोने में बसी यादें ,

जिंदगी का इम्तिहान बनी यादें ,

एक पल मिल जाए तो संजो लूँ इन्हें ,

कुछ में उभरता उसका अक्स ,

कुछ कोहरे सी छाई होशोहवास पे ,

खुद में खुशियाँ अपार लिए ,

कुछ गमो का एक संसार लिए ,

धुंधली सी ,

भोर के पहले पहर सी ,

मीठी यादें ,

कडवी यादें ,

साँसों के लिए जरुरी यादें ,

एक पल मिल जाए तो संजो लूँ इन्हें ,

पश्चाताप से भरी भरी यादें,

मन करता है कभी मिटा लूँ इन्हें ,

जिंदगी का एक अहम् अंग ,

याद दिला देती है बचपन ,

माँ की यादें , पिता की यादें ,

बहन की यादें , भाई की यादें ,

वो बचपन के यार ,

वो पहला प्यार ,

वो गाँव की माटी,

सब कुछ मुझको याद दिलाती ,

आँखों से बन आंसू निकलती कभी ,

वो बचपन की यादें ,

वो जवानी की यादें ,

एक पल मिल जाए तो संजो लूँ इन्हें ,

कभी स्याह रात सी काली ,

कभी बल खाती नागिन सी ,

कभी मचलती हुस्न परी सी ,

जीवन का इतिहास बनी सी ,

वो सुबह की यादें ,

वो दोपहर की यादें ,

जिंदगी की हंसी शाम की यादें ,

एक पल मिल जाए तो संजो लूँ इन्हें ...............डॉ. अनुराग सैनी .............................

 

 

 मौलिक व अप्रकाशित 

 

 

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Comment

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Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 13, 2013 at 9:09pm

आप सभी आदरणीय महानुभावों के मार्गदर्शन और हौसला अफजाई का आभारी  उम्मीद करता हूँ सदा आशीर्वाद प्राप्त होता रहेगा 

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 12:46pm

यादों का ताना बाना बुनने का अच्छा प्रयास हुआ है। आपको हार्दिक बधाई!

Comment by रविकर on September 13, 2013 at 9:20am

बहुत सुन्दर-

बधाई स्वीकारें ||

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 12, 2013 at 12:14pm

क्या कहने भाई यादों का सुन्दर तानाबाना बुना है आपने बहुत खूब बधाई स्वीकारें.

Comment by Meena Pathak on September 12, 2013 at 10:18am

बहुत सुन्दर यादें .... बधाई आप को

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