For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संवेदनाओं के 

अंतर गुन्जन पर 

भाव लहरियों का 

निःशब्दित नृत्य..

इस ओर से उस छोर 

उस छोर से इस ओर

विलयित तटबन्ध..

लहर लहर मन 

आनंदित 'नील सागर'

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1126

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 8, 2014 at 11:59pm

हार्दिक धन्यवाद प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी 

Comment by ram shiromani pathak on October 23, 2013 at 4:31pm

बस इतना ही कहूँगा "गागर में सागर"//हार्दिक बधाई आपको आदरणीया प्राची जी //सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 4, 2013 at 11:14am

प्रिय गीतिका जी 

अभिव्यक्ति के भाव व शब्द आपके मन तक पहुँच सके.. यह एहसास प्रोत्साहित करता है.. हार्दिक धन्यवाद 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 3:59pm

आदरणीया मीना पाठक जी 

रचना आपको पसंद आयी .. यह जान प्रोत्साहन मिला है .हार्दिक आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 3:54pm

आदरणीय राजेश 'मृदु' जी 

अभिव्यक्ति के शब्दों को आपने मान दिया... आपकी आभारी हूँ..

इस प्रस्तुति में  निःशब्दित स्वार्थरहित अनकहे प्रेम की ख़ूबसूरती को व्यक्त किया गया है.. जिसे दो इकाईयों  के मध्य व्यक्त किये जाने की भी आवश्यकता नहीं होती.. 

जिसमें सौम्य भाव लहरियां इतने साम्य में हुआ करती हैं कि दो अलग व्यक्तित्वों के मध्य अहम् की किसी दीवार का अस्तित्व नही रहता.. या आत्मा के सूक्ष्म स्तर पर एकत्व अनुभव किया जाता है (जिसे विलयित तटबन्ध से इंगित किया गया है)

जिस सात्विक भाव का आनंद अंतर को असीम विस्तार दे जिसमें हर भाव एक शून्यता में विलय हो जाए.. यही नील सागर का इंगित है जो अनंत है.

सादर.

Comment by वेदिका on October 3, 2013 at 3:17pm

भाव लहरियों का 

निःशब्दित नृत्य.. अद्भुत शब्दों का समन्वय हुआ,

आते जाते भावों की निशब्द अभिव्यक्ति, मन की तह मे मन ही जा सकता है|

सुंदर सृजन पर बधाई आ0 दीदी! 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 3:12pm

आदरणीय विजय मिश्र जी 

अभिव्यक्ति पर शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार 

Comment by Meena Pathak on October 3, 2013 at 3:04pm

वाह !! रचना पढ़ के मन लहर लहर गया :)

हार्दिक बधाई आप को 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 2:58pm

रचना की कथ्य सांद्रता पर बधाई प्रेषित करने के लिए हार्दिक आभार आ० डॉ० आशुतोष मिश्रा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 2:55pm

आदरणीय अरुण निगम जी 

अभिव्यक्ति पर पुनः आने के लिए और मुग्ध हो बधाई प्रेषित करने के लिए पुनः पुनः  सादर आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
yesterday

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
yesterday

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service