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गजल - मेरा दिल है कि गम का कारखाना है!

१२२२ १२२२ १२२२

मेरा दिल है कि गम का कारखाना है!
जगह यह अब सनम का कारखाना है!!

वे आँखे जुल्फ़,पलकें, रंग,लब,भौंहे!
वो चहरा है कि बम का कारखाना है!!

नहीं है सच यहाँ कुछ भी जो दिखता है!
ये दुनिया बस वहम का कारखाना है!!

गई है माँ तु जिस दिन से खुदा के घर!
ये घर तब से सितम का कारखाना है!!

कि इंसां तो ख़ताओं का है इक पुतला!
खुदा 'राहुल' रहम का कारखाना है!!

मौलिक व अप्रकाशित!

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Comment by Rahul Dangi Panchal on January 5, 2015 at 10:54am
आदरणीय गिरिराज भंडारी सर जी आपने गजल पास कर दी गजल सफल हुई! सादर धन्यवाद स्वीकार करें!और आशिर्वाद दे

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 5, 2015 at 10:36am

आदरणीय राहुल भाई , बढिया ग़ज़ल कही है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 4:45pm
आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi" जी बहुत बहुत धन्यवाद!

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 4, 2015 at 4:36pm

राहुल जी, एक मजेदार रदीफ़ के साथ प्रस्तुत इस संजीदा ग़ज़ल पर बधाई प्रेषित करता हूँ .

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 4:33pm
आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी सादर धन्यवाद स्वीकार करें! मैं विचार करके देखता हुँ
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 10:42am
आदरणीय मिथिलेश वामनकर सर जी आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार था आपने किसी कमी से अवगत कराया तो रचना अवश्य कुछ हद तक सफल हुई! सादर धन्यवाद स्वीकार करें
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 10:39am
आदरणीय ram shiromani pathak जी दिल से आभारी हुँ सादर
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 10:38am
आदरणीय Shyam Narain VermaVerma बहुत बहुत धन्यवाद

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 4, 2015 at 10:22am

आदरणीय राहुल जी अच्छी ग़ज़ल है
बस कहन के हवाले से मतले पर एक बार फिर से विचार कीजिये

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 9:39am
आदरणीय Hari Prakash Dubey जी शुक्रिया

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