For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :- अस्ल में मौत का है कुआँ ज़िन्दगी !

ग़ज़ल :- अस्ल में मौत का है कुआँ ज़िन्दगी !

 

पेट की भूख का है बयाँ ज़िन्दगी ,

अस्ल में  मौत का है कुआँ ज़िन्दगी |

 

सबसे आगे निकलने की एक होड़ है ,

जलती संवेदनाएं धुआँ ज़िन्दगी |

 

इस तमाशे की कीमत चुकाओगे क्या ,

हम हथेली पे रखते हैं जाँ ज़िन्दगी |

 

हम जमूरों की साँसें  उसी हाथ हैं ,

उस मदारी के फ़न की अयाँ ज़िंदगी |

 

मौत के पास है सबके घर का पता ,

चार दिन को मयस्सर मकाँ ज़िंदगी |

 

हों सिकंदर या पोरस सभी मिट गए ,

किसका बाकी है नामो निशाँ ज़िंदगी |

 

           - अभिनव अरुण [22112011]

 

 

 

 

Views: 1221

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on November 23, 2011 at 5:44pm
thanks to Admin ji.
Comment by Admin on November 23, 2011 at 4:10pm

अरुण जी, उक्त शेर जोड़ दिया गया है !

Comment by Abhinav Arun on November 23, 2011 at 2:15pm

अश्वनी जी आपका हार्दिक  आभार | किसी को एक शेर भी पसंद आ जाये तो लिखना सार्थक हो गया ऐसा मैं maanta hoon | aapkpa स्नेह बना रहे |

Comment by Abhinav Arun on November 23, 2011 at 2:15pm

 

इसमें एक शेर और था छूट  गया अगर एडमिन जी अंत में  जोड़ दें तो कृपा होगी |

हों सिकंदर या पोरस सभी मिट गए ,

किसका बाकी है नामो निशाँ ज़िंदगी |

Comment by Abhinav Arun on November 22, 2011 at 9:36am

इधर हालात कुछ ऐसे बन जा रहे हैं कि मैं चाह कर भी कई आयोजनों में शामिल  नहीं हो पा रहा हूँ | मसलन इस बार का चित्र से काव्य | विषय पर लिखी हुई ग़ज़ल भी पोस्ट नहीं कर सका | तैय्यारी धरी रह गयी | कभी काम तो कभी नेट की बेवफाई | किसे दोष दूं ... | सो वह ग़ज़ल यहाँ दे रहा हूँ |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
20 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service