For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चीन से रहना हमें चौकन्ना बाबाजी

रामदेव से मिल गये  अन्ना बाबाजी

राहुल की माँ रह गई भन्ना बाबाजी

काला धन यदि सचमुच वापिस आया तो
भारत  फिर  से  बनेगा   धन्ना   बाबाजी

अब मैं  झटपट देश का पी. एम. बन जाऊं

मोदी   के  मन   जगी   तमन्ना  बाबाजी

ख़ून न चूसें, कह दो खादी वालों से
प्यासे हैं तो चूस लें  गन्ना बाबाजी

पाकिस्तान तो अपने घर का पप्पू है

चीन से रहना हमें चौकन्ना बाबाजी

हीरो  ये,   जो   तेल  न  बेचें  टी  वी  पर 
दिलीप कुमार औ राजेश खन्ना बाबाजी

थाली तो सोने की तुमने दिखलादी
खाते क्या हो  हीरा-पन्ना बाबाजी ?

राजपूताने का इतिहास समझ लोगे

पढ़ लो 'पन्ना' वाला पन्ना बाबाजी

जब से वोट दिया 'अलबेला' चम्पत है

किते गयां ओय मेरेया चन्ना बाबाजी 

Views: 846

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on June 9, 2012 at 11:46pm

धन्यवाद ..बहुत बहुत धन्यवाद  सम्मान्य नीलांश जी........

Comment by Albela Khatri on June 9, 2012 at 11:29pm

धन्यवाद भाई  कुमार गौरव  अजीतेंदुजी
------शुक्रिया आपकी सराहना के लिए

Comment by Nilansh on June 9, 2012 at 10:54pm

aadarniya albela ji har ik sher bahut sunder hai

aapki saarthak rachna ke liye bahut badhai

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 9, 2012 at 10:43pm
बड़े भैया, बहुत अच्छा लिखा। चीन से हमे चौकन्ना रहना ही होगा। बधाई।
Comment by Albela Khatri on June 9, 2012 at 8:10pm

आपकी  स्नेहसिक्त सराहना  के  सौरभ से मेरे आसपास का पूरा  परिवेश सुरभित हो उठा है प्रभु !
__बहुत बहुत  धन्यवाद सौरभ पाण्डेय जी............


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 9, 2012 at 6:48pm

आदरणीय अलबेलाजी, आपके ’बाबाजी’ ने तो कमाल कर रखा है ! प्रस्तुत हास्य ग़ज़ल के प्रति इतना ही कहूँगा कि बहुत कुछ को स्वयं में समेटे इन अश’आर के मिसरे हर लिहाज से प्रभावी हैं. आपने देश के वर्तमान की विसंगतियों को जिस सुन्दरता से शब्द-शब्द पिरोया है और मनभावन लहजे में पेश किया है कि मनस संतृप्त और चकित है. आपकी यह शैली ओबिओ पर नई हवा की मोहक लहर का बन कर पाठक-मन को आनन्द-भाव के साथ बहाये जा रही है.

सादर.

Comment by yogesh shivhare on June 9, 2012 at 5:17pm

sa samman swagat hai apka albela ji

Comment by Albela Khatri on June 9, 2012 at 5:09pm

धन्यवाद  योगेश शिवहरे जी....
आभार

Comment by yogesh shivhare on June 9, 2012 at 4:12pm

bahut sundar albela ji

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अजय जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय आज़ी जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . संबंध

दोहा सप्तक. . . . संबंधपति-पत्नी के मध्य क्यों ,बढ़ने लगे तलाक ।थोड़े से टकराव में, रिश्ते होते खाक…See More
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अगर ये ग़ज़ल बेकार है आदरणीय अमित जी तो कुछ सुझाव दे दीजिए आप कुछ सुझाव दे दीजिए सादर"
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
2 hours ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service