जिधर देखिये, जल ही जल है बाबाजी
यहाँ सभी की आँख सजल है बाबाजी
लोग जिसे गंगाजल कह कर पीते हैं
वह गंगा का अश्रुजल है बाबाजी
एक लीटर की बोतल पन्द्रह रुपयों में
जल है इसमें या डीज़ल है बाबाजी
भड़क गया मैं देख के उसके दस बच्चे
वो बोला, मालिक का फज़ल है बाबाजी
गुजराती कन्याओं के ज़्यादातर नाम
सेजल, केजल और किंजल है बाबाजी
तुम कसाब को लेकर ही गुस्साये हो
यहाँ अभी ज़िन्दा अफजल है बाबाजी
कई विधाएं हैं 'अलबेला' कविता की
किन्तु जग विख्यात ग़ज़ल है बाबाजी
Comment
आदरणीय अरुण कान्त शुक्ल जी,
बहुत बहुत धन्यवाद . आपकी सराहना सर आँखों पर.......इस स्नेह के लिए आभारी हूँ
सादर
आदरणीय अरुण श्रीवास्तव जी,
बहुत बहुत धन्यवाद और हार्दिक आभार आपकी इस बेबाक सराहना के लिए
सादर
गुजराती कन्याओं के ज़्यादातर नाम
सेजल, केजल और किंजल है बाबाजी ............. सब टी वी का असर है बाबा जी !
एक लीटर की बोतल पन्द्रह रुपयों में
जल है इसमें या डीज़ल है बाबाजी . .ज़माने गए १५ रूपए में डीज़ल के ! अब तो खून से भी महंगा है
या बाबा जी तो मिसाइल बनते जा रहें हैं !
एक लीटर की बोतल पन्द्रह रुपयों में
जल है इसमें या डीज़ल है बाबाजी.. मैंने कहा न मैं आपका पंखा हूँ . बधाई
धन्यवाद राजेश कुमारी जी,
बहुत बहुत शुक्रिया
bahut sundar kataksh karti ghazal
एक लीटर की बोतल पन्द्रह रुपयों में
जल है इसमें या डीज़ल है बाबाजी......ghajab ka sher..vaah
धन्यवाद नीलांश जी
आपकी सराहना सर आँखों पर
bahut hi sunder ghazal hai albela ji
saarthak lekhan ke liye bahut badhaai
आपका बहुत बहुत धन्यवाद महिमा श्री जी........
सराहना के प्रति आभार
भड़क गया मैं देख के उसके दस बच्चे
वो बोला, मालिक का फज़ल है बाबाजी
गुजराती कन्याओं के ज़्यादातर नाम
सेजल, केजल और किंजल है बाबाजी
तुम कसाब को लेकर ही गुस्साये हो
यहाँ अभी ज़िन्दा अफजल है बाबाजी
वाह वाह आदरणीय अलबेला जी क्या कहने .. व्यंग भी .. चिंता भी और हास्य भी .. कमाल .. बहुत -२ बधाई आपको
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