For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संवेदनाओं के 

अंतर गुन्जन पर 

भाव लहरियों का 

निःशब्दित नृत्य..

इस ओर से उस छोर 

उस छोर से इस ओर

विलयित तटबन्ध..

लहर लहर मन 

आनंदित 'नील सागर'

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1170

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on October 2, 2013 at 10:41pm

इस सुन्दर और मधुर सृजन को साझा करने के लिए धन्यवाद, आदरणीया।

Comment by MAHIMA SHREE on October 2, 2013 at 9:21pm

अप्रतिम .. एक अलग ही भाव में बहा ले जाती ... हार्दिक बधाई आदरणीया प्राची जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:40pm

आदरणीय बृजेश नीरज जी 

आप सम प्रबुद्ध संवेदनशील रचनाकार और सजग पाठक यदि किसी रचना पर ठहरे.. रुक जाए और रचना सन्निहित भाव विचार तंतुओं को स्पंदित करने में सक्षम हों तो अवश्य ही रचनाकार के लिए मान की बात है.

इस अनमोल उत्साहवर्धन के लिए ह्रदय तल से धन्यवाद 

सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:36pm

आदरणीय गणेश बागी जी 

रचना की भाव कथ्य सांद्रता को आपने विशेष रूप से अनुमोदित कर के अभिव्यक्ति को मान दिया है और मेरे लेखन को बहुत प्रोत्साहन मिला है.. इस बहुमूल्य सराहना के लिए सादर आभार आदरणीय.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:33pm

रचना का शब्द संयोजन और निहित भाव आपको पसंद आये यह जान लेखनी को प्रोत्साहन मिला है 

सादर धन्यवाद आ० नीरज कुमार जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:30pm

आदरणीय अरुण निगम जी 

रचना के मर्म को स्पर्श कर उत्साहवर्धक सराहना करने के लिए हार्दिक धन्यवाद 

सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:28pm

रचना के अर्थ की गहनता पर आपके अनुमोदन के लिए सादर आभार आ० अनुराग सैनी जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:27pm

प्रस्तुति के भाव व शब्दों पर आपका उत्साहवर्धक अनुमोदन बहुत सुकून प्रदान कर रहा है आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी 

सादर धन्यवाद 

Comment by बृजेश नीरज on October 2, 2013 at 5:27pm

 आपकी हर रचना की तरह भावों को गहनता से पिरोये हुए आपकी ये रचना भी ठहरने, ठिठकने और सोचने पर मजबूर करती है! अनुपम रचना! इस सुन्दर अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई!

सादर!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 5:26pm

प्रिय अनुज अरुण शर्मा जी 

अभिव्यक्ति के भाव और प्रयुक्त शब्द आपको पसंद आये.. यह लेखन के प्रति आश्वस्तिकारी है 

आपका हार्दिक धन्यवाद 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
10 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
13 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
41 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश भाई, क्या ही खूब ग़ज़ल कही है. वाह. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. बाकी अभ्यास…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें. गुनीजनों की सलाह पर अवश्य…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. गुरप्रीत भाई. आपसे शिक़ायत यह है कि हमें आपकी ग़ज़लें पढ़ने को नहीं मिल रही…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service