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आज मौन उपवास रहा है ..........

अब तक  तेरे पास रहा है
नतीज़तन वो  ख़ास रहा है

हिचकी , हिचकी केवल हिचकी
वोआज मौन उपवास रहा है

छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है

मेरा ख्वाब है उसके दिल में
मुझको  ये  अहसास रहा है

कभी है गहना हया ये उसकी
कभी "अजय" लिबास रहा है

मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा

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Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 26, 2013 at 1:39pm

छुयन का उसकी असर ये देखो 
पतझड़ में मधुमास रहा है

हार्दिक बधाई अजय भाई इस सुंदर रचना की।

कभी "अजय" लिबास रहा है ...../// कभी "अजय"  ही लिबास रहा है... ...सादर 

/// 

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