वो भी इक , अगर बे-ईमान हो जाए
ये बस्ती उम्मीद की , वीरान हो जाए
इबादतगाह बन जाए , ये दुनिया सारी
हर इक आदमी अगर इंसान हो जाए
झुग्गियों की क़िस्मत भी जगमगा उठे
इक खिड़की भी अगर , रोशनदान हो जाए
फ़िज़ायों में इबादतपसंद है , कोई ज़रूर
वरना ऐसे ही नहीं , कोई अज़ान हो जाए
साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए
वे मुंतज़िर हैं, ज़ंहूरियत में भी "अजय"
कब सियासत , इक खानदान हो जाए
उसने कर रखे हैं चराग़ रोशन ख़ून से अपने
क्या हो , अगर शख़्स वो , भगवान हो जाए
मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा
Comment
......saurabh pandey sir ,rana sir , shijju sir ,prachi di aur sabhi bado ka ashish mil jata too....
आदरनीय अजय भाई , सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये बधाई ॥
इबादतगाह बन जाए , ये दुनिया सारी
हर इक आदमी अगर इंसान हो जाए
झुग्गियों की क़िस्मत भी जगमगा उठे
इक खिड़की भी अगर , रोशनदान हो जाए
साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए ... वाह बहुत खूब ..आ. अजय शर्मा जी बहुत -२ बधाई
इस खूबसूरत रचना के लिये दिली दाद कुबूल करें... |
अजय जी
बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही आपने i
बधाई हो i
साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए.......आमीन.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online